बुधवार, 4 जनवरी 2012

बोलें ये गणेश व विष्णु मंत्र..पाएं ढेरों सुखों के साथ सफलता भी

संकल्प, इच्छाशक्ति, धैर्य, बुद्धि, विवेक, दृढ़ता, शांति व अच्छा आचरण ही जीवन में जिम्मेदारियों को उठाने व सफलतापूर्वक पूरा करने की राह आसान बना देते हैं। धर्मशास्त्रों के मुताबिक हिन्दू धर्म के परब्रह्म स्वरूप पंचदेवों में श्री गणेश की भक्ति बुद्धि व विवेक तो भगवान विष्णु की उपासना शांति, संयम व अच्छे गुणों से संपन्न बनाने वाली मानी गई है।  
कल बुधवार के साथ बने एकादशी तिथि के संयोग में भगवान विष्णु व श्री गणेश की उपासना घर-परिवार के साथ व्यक्तिगत जीवन में में ढेरों सुख व सफलताएं लाने वाली होंगी। जिसके लिये विशेष गणेश व विष्णु मंत्र के साथ पूजा का महत्व बताया गया है। जानते हैं आसान पूजा विधि व मंत्र -

- स्नान के बाद पीले वस्त्र पहन देवालय में श्री गणेश व भगवान विष्णु को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी व शकर का मिश्रण) व जल स्नान कराएं।

- श्री गणेश व श्री विष्णु को पीला चंदन, पीले फूल, पीले या पीतांबरी वस्त्र, जनेऊ अर्पित करें। श्री गणेश को दूर्वा तो विष्णु को कमल के फूल चढ़ाएं।

- श्री गणेश को मोदक व श्री विष्णु को केसरिया भात यानी चावल या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

- चंदन धूप बत्ती व गाय के घी का दीप जलाकर नीचे लिख श्री गणेश व विष्णु मंत्रों का स्मरण कर आरती करें व सुख-सफलता की कामना के साथ मस्तक पर चंदन लगाएं व प्रसाद ग्रहण करें -

गणेश मंत्र -

विश्वकर्ता विश्वमुखो विश्वरूपो निधिर्घृणि:।

कवि: कवीनामृषभो ब्रह्मण्यो ब्रह्मणस्पति:।।

ज्येष्ठराजो निधिपतिर्निधिप्रियपतिप्रिय:।

हिरण्मयपुरान्त:स्थ: सूर्यमण्डलमध्यग:।।

विष्णु मंत्र -

नारायणाय विद्महे,

वासुदेवाय धीमहि,

तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।।

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