रविवार, 4 दिसंबर 2011

प्रतियोगिता में छात्राओं ने विभिन्न प्रदेशों की साडिय़ों का किया प्रदर्शन



प्रतियोगिता में छात्राओं ने विभिन्न प्रदेशों की साडिय़ों का किया प्रदर्शन


मीनाक्षी बनी प्रज्ञा अध्यक्ष


संस्कृति का झलका अनूठा संगम


पीजी कॉलेज की छात्रा परिषद ‘प्रज्ञा’ में मीनाक्षी को अध्यक्ष, चेतना सुथार उपाध्यक्ष, विजया भारती सोनी सचिव एवं दुर्गा सह सचिव मनोनीत किया गया। कार्यक्रम में छात्रा परिषद को शपथ दिलाई गई।



पीजी कॉलेज के ‘प्रज्ञा’ शपथ ग्रहण व उद्घाटन समारोह में छात्राओं ने दिखाया उत्साह

सिरोही.

पीजी कॉलेज में शनिवार को ‘प्रज्ञा’ के उद्घाटन व शपथ ग्रहण समारोह में साड़ी परिधान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें छात्राओं की ओर से किए गए विभिन्न प्रदेशों की साडिय़ों के प्रदर्शन ने देश की अनूठी संस्कृति को साकार कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष जयश्री राठौड़ व विशिष्ट अतिथि डॉ. सुनीता थरेजा रही। वहीं अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशीला रील ने की। साड़ी परिधान प्रतियोगिता में कॉलेज की 12 छात्राओं ने भाग लिया। प्रत्येक छात्रा ने भिन्न-भिन्न प्रदेश की साड़ी पहनीं। इसमें राजस्थानी, गुजराती, बंगाली, मराठी व पंजाबी साडिय़ों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। हर छात्रा के मंच से गुजरने के दौरान अन्य छात्राओं ने तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ उनका उत्साहवर्धन किया। गुजराती साड़ी का प्रदर्शन छात्रा ने जहां डांडिया खेलने की अदा के साथ किया, वहीं राजस्थानी साड़ी का प्रदर्शन घूमर नृत्य के साथ हुआ। कॉलेज में पहली बार हुई साड़ी प्रतियोगिता को लेकर छात्राओं में गजब का उत्साह देखा गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भावना नरूका ने प्राप्त किया, जबकि नीरू प्रजापत दूसरे स्थान पर रही। इसी क्रम में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में काजल व नम्रता वैष्णव तथा केश सज्जा में आशा व भावना नरूका ने क्रमश: प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

महिलाओं के लिए बेहतर अवसर

नगरपालिका अध्यक्ष जयश्री राठौड़ ने कहा कि आधुनिक युग महिला सशक्तीकरण का युग है और महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए बेहतर अवसर है। चाहे वह राजनीति हो या शिक्षा, चिकित्सा हो या उद्योग। महिलाओं ने अपने हुनर के बूते उच्च पदों पर काबिज होकर यह जता दिया है नारी अबला नहीं, सबला है। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षित होकर समाज को एक नई दिशा देने का आह्वान किया। डॉ. सुनीता थरेजा ने कहा कि कड़ी मेहनत से सफलता के शिखर को आसानी से छूने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों में भी बालिकाओं की भागीदारी पर बल दिया।

बासंती हवा सी होती हैं बेटियां...

मंच संचालन किसी भी कार्यक्रम की रीढ़ की होती है। प्रज्ञा कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी व्याख्याता डॉ. संध्या दुबे ने किया। समाज में बालिकाओं की प्रासंगिकता को उन्होंने कुछ इन पंक्तियों में बया किया ‘बासंती हवा सी होती है बेटियां, मरुस्थल के मेघ में बारिश बन सकती है बेटियां, वन उपवन में फूल सी खिलती हैं बेटियां, चिडिय़ां सी चहकती और फुर्र से उड़ जाती हैं बेटियां’। मंच के माध्यम से उन्होंने छात्राओं हर प्रस्तुति पर हौसला अफजाई की। इससे पहले प्रज्ञा समन्वयक डॉ. उषा चौहान ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में डॉ. हेमलता, डॉ. अनिता जैन, डॉ. शारदा भंडारी एवं डॉ. शची सिंह का सहयोग रहा।

सिरोही. पीजी कॉलेज में आयोजित साड़ी प्रतियोगिता में भाग लेती छात्राएं एवं कार्यक्रम को संबोधित करती पालिकाध्यक्ष।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें