जोधपुर. पूर्व मंत्री मदेरणा को रिमांड पर भेजे जाने के बाद उनकी बेटी दिव्या ने शनिवार को अपने घर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे पिता की राजनीतिक हत्या करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है। राजनीति के इस महाभारत में वे अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह तोड़ेंगे, इस बात का पूरा विश्वास है मुझे।
सियासत के खेल में यह पहली बार नहीं हुआ है, सदियों से चलता आया है। जिस तरह जुल्फिकार अली भुट्टो की राजनीतिक हत्या के बाद उनकी बेटी बेनजीर ने अवाम के लिए संघर्ष किया, मैं भी हर परिस्थिति में संघर्ष करूंगी। हम आएंगे और दोगुनी ताकत से आएंगे। यह षड्यंत्र सिर्फ मेरे पिता ही नहीं, पूरे किसान समाज के खिलाफ है।
दिव्या ने पिता को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाते हुए किसान वर्ग से सहयोग की अपील की। दिव्या के संबोधन के बाद सभी ने साथ देने का संकल्प लेते हुए काफी देर नारेबाजी की।
जब मीडिया ने कुछ सवाल किए तो दिव्या ने कहा कि वक्त आने पर हर सवाल का जवाब देंगे। इससे पहले दिव्या कुछ समर्थकों के साथ दो बजे ही न्यायालय में पहुंच गईं तथा मदेरणा को ले जाने तक वहां उपस्थित रहीं।
पिता से गले लग रो पड़ीं
महिपाल मदेरणा शुक्रवार रात से सर्किट हाउस में सीबीआई की हिरासत में थे। शनिवार सुबह दिव्या पिता की दवा और नाश्ता लेकर वहां पहुंचीं और उनसे लिपटकर रो पड़ीं, मदेरणा भी खुद को रोक नहीं पाए। फिर दिव्या थोड़ी देर नीचे बैठी रहीं, बाद में घर चली गई। उधर, लूणी विधायक मलखानसिंह का बेटा महेंद्र भी अपने चाचा परसराम के लिए खाना लेकर आया।
सियासत के खेल में यह पहली बार नहीं हुआ है, सदियों से चलता आया है। जिस तरह जुल्फिकार अली भुट्टो की राजनीतिक हत्या के बाद उनकी बेटी बेनजीर ने अवाम के लिए संघर्ष किया, मैं भी हर परिस्थिति में संघर्ष करूंगी। हम आएंगे और दोगुनी ताकत से आएंगे। यह षड्यंत्र सिर्फ मेरे पिता ही नहीं, पूरे किसान समाज के खिलाफ है।
दिव्या ने पिता को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाते हुए किसान वर्ग से सहयोग की अपील की। दिव्या के संबोधन के बाद सभी ने साथ देने का संकल्प लेते हुए काफी देर नारेबाजी की।
जब मीडिया ने कुछ सवाल किए तो दिव्या ने कहा कि वक्त आने पर हर सवाल का जवाब देंगे। इससे पहले दिव्या कुछ समर्थकों के साथ दो बजे ही न्यायालय में पहुंच गईं तथा मदेरणा को ले जाने तक वहां उपस्थित रहीं।
पिता से गले लग रो पड़ीं
महिपाल मदेरणा शुक्रवार रात से सर्किट हाउस में सीबीआई की हिरासत में थे। शनिवार सुबह दिव्या पिता की दवा और नाश्ता लेकर वहां पहुंचीं और उनसे लिपटकर रो पड़ीं, मदेरणा भी खुद को रोक नहीं पाए। फिर दिव्या थोड़ी देर नीचे बैठी रहीं, बाद में घर चली गई। उधर, लूणी विधायक मलखानसिंह का बेटा महेंद्र भी अपने चाचा परसराम के लिए खाना लेकर आया।
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