शनिवार, 10 दिसंबर 2011

इस वर्ष का अंतिम ग्रहण दस दिसंबर,2011 को ---छह घंटे का पूर्ण चन्‍द्र ग्रहण---


इस वर्ष का अंतिम ग्रहण दस दिसंबर,2011 को ---छह घंटे का पूर्ण चन्‍द्र ग्रहण---

Pt. DAYANANDA SHASTRI

JHALRAPATAN CITY

पंडित दयानन्द शास्त्री

मार्ग शीर्ष पूर्णिमा अर्थात 10 दिसंबर को शनिवार के दिन चंद्रग्रहण लगेगा. यह चंद्रग्रहण ज्योतिषीय मतानुसार वृषभ पर लग रहा है. वृषभ राशि पृथ्वी के अर्द्धोन्नत पृष्ठ तल पर पड़ती है. एक मोटी गणना के अनुसार पृथ्वी का लगभग 64 हजार किलोमीटर का क्षेत्रफल ग्रहण के दौरान चन्द्रमा के प्रकाश से महरूम रहेगा. ग्रहण के दौरान चन्द्रमा के ठीक पीछे गुरु एवं इससे लगभग 61 अंश क़ी दूरी पर ठीक आगे मंगल है. चन्द्रमा मृगशीर्ष नक्षत्र, सूर्य ज्येष्ठा, मंगल पूर्वाफाल्गुनी, वक्री बुध अनुराधा, वक्री गुरु अश्विनी, शुक्र पूर्वाषाढा, शनि चित्रा, राहू ज्येष्ठा एवं केतु रोहिणी नक्षत्र में रहेगा. विश्व के लिए इसका फल निम्न प्रकार प्राप्त होगा---

मध्य भारत, सम्पूर्ण यवन प्रदेश (मुस्लिम शाषित देश जैसे इरान, इराक, बहरीन, कुवैत, ओमान, जेद्दा, दोहा, अल्जीरिया, लीबिया, इजराईल आदि), अफ्रिका का मध्य भाग जैसे जाम्बिया, घाना, इथोपिया, सोमालिया तथा केमरून आदि प्रदेश, तथा उत्तरी अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी प्रांत, चीन के सूदूरवर्ती पूर्वी प्रदेश अज्ञात बीमारी, नरसंहार एवं उग्र प्राकृतिक विपदा से गुजरेगें.



पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान 10 दिसंबर को सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुका छिपी का रोमांचक नजारा भारत समेत दुनिया के अधिकांश भू-भागों में देखा जा सकेगा। छह घंटे की खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की ओट में छिप जायेगा। उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के तकनीकी अधिकारी दीपक गुप्ता ने आज फोन पर भाषा को बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरूआत भारतीय समय के मुताबिक 10 दिसंबर को शाम पांच बजकर दो मिनट पर होगी और यह रात 11 बजकर दो मिनट पर खत्म हो जायेगा।

यह ग्रहण 10 दिसम्बर, 2011 दिन शनिवार को भारत में दिखाई देगा. ग्रहण की अवधि 3 घण्टे 33 मिनट तक रहेगी. शाम को 6 बजकर 15 मिनट से रात 9 बजकर 48 मिनट तक ग्रहण सारे भारत में दिखाई देगा. भारत में ग्रहण आरम्भ होने से पहले ही चन्द्र उदय हो जाएगा. भारत के सभी भागों में शाम 4:30 मिनट से 5:45 मिनट तक चन्द्र उदय हो जाएगा. इस ग्रहण का प्रारम्भ, मध्य तथा समाप्ति रुप भारत के सभी भागों में दिखाई देगा.

भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण अफ्रीका, यूरोप, मध्य-पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरीका, ग्रीनलैण्ड, पूर्वी कनाडा, हिन्द, प्रशान्त और आर्कटिक महासागर में दिखाई देगा.

कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के अधिकारी ने संस्थान की गणना के हवाले से बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण रात आठ बजकर दो मिनट पर अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा, जब पृथ्वी की छाया से चंद्रमा पूरी तरह ढंक जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा मध्य-पूर्व एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आस्‍ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और ग्रीनलैंड में दिखायी देगा।



यह इस साल का आखिरी ग्रहण होगा। पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। परिक्रमारत चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती है।यह मृगशिरा नक्षत्र व वृष राशि में होगा। ग्रहण शाम 6 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और रात 9 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा। मृगशिरा नक्षत्र व वृष राशि वालों के लिए ग्रहण अनिष्टकारी रहेगा।चन्द्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को होता है। सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने से पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नजर आता है। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नजर आता है। पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर सर्वग्रास चन्द्रग्रहण तथा आंशिक रूप से ढक जाने पर खण्डग्रास चन्द्रग्रहण लगता है।पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा पूर्णमासी को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है।

चन्द्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी का आना ही चन्द्र ग्रहण कहलाता है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी इस तरह से आ जाता है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है और पृथ्वी सूर्य की किरणों के चांद तक पहुंचने में अवरोध लगा देती है। तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है।



01.—पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर सर्वग्रास चन्द्रग्रहण ।

02.–आंशिक रूप से ढक जाने पर खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण लगता है। ऐसा केवल पूर्णिमा के दिन संभव होता है, इसलिये चन्द्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है।

इस खग्रास चन्द्र ग्रहण की अवधि - भारतीय समयानुसार --

ग्रहण आरम्भ - 18:15 घण्टे

खग्रास प्रारम्भ - 19:36 घण्टे

ग्रहण मध्य या परम ग्रास - 20:02 घण्टे

खग्रास समाप्त - 20:28 घण्टे

ग्रहण समाप्त - 21:48 घण्टे

चन्द्र मलिन आरम्भ - 17:02 बजे से

चन्द्र क्रान्ति निर्मल - 23:02 बजे से

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें