सोमवार, 7 नवंबर 2011

बाहरी खिलाडिय़ों को लेकर हुआ विवाद



बाहरी खिलाडिय़ों को लेकर हुआ विवाद


दोनों शहर में काम करते हैं, आई कार्ड में फेरबदल कर टीम में हो गए शामिल, दर्शकों के विरोध के बाद जैसलमेर टीम को मिली बाई

बाड़मेर  पीजी कॉलेज में शुरू हुई एमडीएस यूनिवर्सिटी की अंतर महाविद्यालयी क्रिकेट प्रतियोगिता में विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। रविवार को शहर की एक निजी कॉलेज की टीम में दो बाहरी खिलाडिय़ों के खेलने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दर्शकों के विरोध के बाद कॉलेज प्रशासन ने निजी कॉलेज के प्राचार्य से बात कर टीम को अयोग्य करार दे दिया जबकि सामने वाली टीम को विजयी घोषित कर दिया। रविवार सुबह बाड़मेर के एक निजी कॉलेज और जैसलमेर कॉलेज की टीमों के बीच मैच शुरू हुआ। निजी कॉलेज ने पहले खेलते हुए 27 ओवर में 157 बनाए। इसी बीच दर्शकों ने दो खिलाडिय़ों के बाहर का होने का आरोप लगाते हुए आयोजन समिति के समक्ष ऑब्जेक्शन प्रस्तुत कर दिया। उस समय मैच की एक ही पारी पूरी हुई थी, जबकि आधा मैच बाकी था। ऑब्जेक्शन के बाद आयोजन समिति ने मामले की जांच की तथा कॉलेज के प्राचार्य से मोबाइल पर बात कर टीम को अयोग्य करार दे दिया।
दर्शकों ने कहा, ये तो पढ़ते ही नहीं

मैच देखने आए खिलाडिय़ों का कहना था कि निजी कॉलेज की टीम में दो खिलाड़ी ऐसे थे जो पढ़ते नहीं बल्कि काम करते हैं। ये खिलाड़ी कई बार उनके साथ खेले भी हैं। तब उन्होंने आयोजन समिति के सामने इन दोनों खिलाडिय़ों की पोल खोल दी। जांच में दोनों ही खिलाड़ी अयोग्य पाए गए।

ऐसे हुए मैच में शामिल

जानकारी के अनुसार दोनों बाहरी खिलाडिय़ों ने निजी कॉलेज में पढऩे वाले छात्रों के ही आई कार्ड का उपयोग किया। उन्होंने साथी खिलाडिय़ों से सांठ-गांठ कर आई कार्ड में एडमिशन संबंधी सारी जानकारी तो वही रखी लेकिन फोटो अपना लगा दिया। ऐसे में मैच के दौरान अंपायर और आयोजन समिति इनकी पहचान नहीं कर पाई। पहले भी रहे विवाद


प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले ही विवाद खड़े हो गए। पहले सूचना नहीं मिलने के कारण पीजी कॉलेज प्रशासन ने प्रतियोगिता की तैयारी ही नहीं की। जब पोकरण की टीम 2 नवंबर की शाम बाड़मेर पहुंची तो खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था नहीं थी। वहीं 3 नवंबर को उद्घाटन मैच होना था लेकिन बाड़मेर की टीम ही नहीं बनी। इस कारण पोकरण को बाई देनी पड़ी। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने आनन-फानन में प्रतियोगिता शुरू तो करा दी लेकिन खिलाडिय़ों के लिए मैदान परेशानी बन गया है। डीसीए का क्रिकेट मैदान है जहां घास और पिच सहित सभी सुविधाएं हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन ने टूर्नामेंट के लिए कॉलेज परिसर का फुटबॉल ग्राउंड चुना। ग्राउंड में कंकड़ होने के कारण कोई आम दिनों में भी नहीं खेलना चाहता, लेकिन खिलाडिय़ों को यहां खेलना पड़ रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें