सोमवार, 28 नवंबर 2011

समृद्ध है राजस्थानी साहित्य : चारण

समृद्ध है राजस्थानी साहित्य : चारण


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और राजस्थानी मोट्यार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को म्हारी जुबान रो ताळो खोलो पोस्टकार्ड अभियान कार्यक्रम के तहत चारण छात्रावास में विद्यार्थियों ने पोस्टकार्ड लिखे।मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा के साहित्यकार दलपतसिंह चारण ने कहा कि राजस्थानी भाषा संस्कृति और परंपरा की परिचायक है। राजस्थानी भाषा का इतिहास, संस्कृति, साहित्य उच्च कोटि का है। राजनीतिक उदासीनता के कारण राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने में समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि जब राजस्थानी भाषा के साहित्यकार को नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाता है। डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए जनजागरण जरूरी है। युवा वर्ग आंदोलन को आंधी का रूप देकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाएं। इन्द्रप्रकाश पुरोहित ने कहा कि राजस्थानी भाषा समृद्ध है। राजस्थानी साहित्यकारों को केन्द्रीय साहित्य अकादमी समय-समय सम्मानित किया। समिति संयोजक चंदनसिंह भाटी ने कहा राजस्थानी भाषा के अभियान को अप्रत्याशित रूप से आमजन का समर्थन मिल रहा है जिससे प्रयास जल्द ही सफल होंगे। राजस्थानी मोट्यार परिषद के जिला पाटवी रघुवीरसिंह तामलोर ने कहा कि राजस्थानी भाषा के बिना कैसा राजस्थान। अपनी मायड़ भाषा के बिना हम गूंगे हैं। हमें युवा वर्ग का भविष्य संवरेगा। चारण समाज जो राजस्थानी साहित्य का हृदय है इसलिए इसमें दिल से जुड़ कर समर्थन दें। कार्यक्रम को विजय कुमार, प्रकाश जोशी, अनिल सुखाणी, मांगी दान चारण, सुरेन्द्र दान चारण, नगर पाटवी रमेश सिंह इंदा ने भी संबोधित किया।



इससे पहले चारण छात्रावास के युवाओं ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सांसद के नाम पोस्टकार्ड लिखे। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र दान चारण ने किया।

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