सोमवार, 28 नवंबर 2011

जोधपुर .....न्यूज़ इनबॉक्स .....क्राइम डायरी


आठ घंटे खेत में पड़ा रहा नवजात



अविवाहिता ने बच्चे को जन्म दिया और रात को ही अस्पताल से निकल गई नवजात को छोड़ा खेत में, सर्दी में बिलखता रहा मासूम


भोपालगढ़   एक नाबालिग बच्चे को जन्म देने के बाद बिना बताए अस्पताल से नवजात के साथ निकल गई। उसने शिशु को खेत में छोड़ दिया और खुद अपनी बुआ के यहां चली गई। रात भर वह नवजात सर्दी में बच्चा बिलखता रहा। सुबह दस बजे जब खेत की मालकिन आई तो उसे रोता देखा। इस पर महिला ने एक शिक्षक की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और पुलिस को सूचना दी।

मामले के अनुसार शुक्रवार रात इस अविवाहित किशोरी ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। समाज में बदनामी के डर से किशोरी अस्पताल से बिन बताए नवजात को लेकर निकल गई। उसने बच्चे को कस्बे के एक खेत में कपड़े में लपेट कर छोड़ दिया और खुद अपने रिश्तेदार के यहां चली गई। शनिवार को सुबह 10 बजे खेत की मालकिन पहुंची तो उसे रोने की आवाज सुनाई दी। खेत की मालकिन महिला ने एक शिक्षक की मदद से बच्चे को अस्पताल पहुंचाया। वह करीब आठ घंटे जिंदगी और मौत से सर्दी में लड़ता रहा। सोलंकियों की ढाणी स्थित स्कूल में कार्यरत शिक्षक चेतन राम देवड़ा रोज की तरह शनिवार को सुबह 10 बजे बाइक से स्कूल जा रहा था। अचानक सड़क के पास खेत से महिला चिल्लाई कि बच्चा पड़ा है। शिक्षक ने पास जाकर देखा तो बच्चा जीवित मिला और रो रहा था । शिक्षक ने बच्चे को गोदी में उठाया और उस महिला को साथ लेकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया। इस बीच पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही थानाधिकारी प्रदीप शर्मा, घेवरसिंह राजपुरोहित मौके पर पहुंचे। अस्पताल के लेबल से हुई पहचान : इलाज के दौरान डॉ. एमके जैन ने बच्चे के शरीर पर अस्पताल का लगा लेबल देखकर पहचान कर ली। उन्होंने बताया कि रात में तीन प्रसव हुए थे। एक भर्ती है और दो केस बिन बनाए यहां से रात में चले गए, जिनमें एक के बच्ची हुई थी और दूसरी के बच्चा हुआ है। यह बच्चा वही है।




चालक टैंकर सहित फरार


डीजल से भरा टैंकर सालावास डिपो पर खाली नहीं करवाया

लूणी (आंचलिक) लूणी थाने में एक व्यक्ति ने मामला दर्ज करवाया है कि उसके डीजल से भरे टैंकर को ड्राइवर ने निश्चित डिपो पर खाली करने की बजाय बीच में ही उड़ा लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक सुरेंद्र कुमार पुत्र रामकिशोर ने लूणी थाने में मामला दर्ज करवाया कि उसके पिताजी के नाम का एक टैंकर है। इसमें ड्राइवर जितेंद्र कुमार जामनगर की एस्सार रिफाइनरी से डीजल लेकर सालावास डिपो के लिए रवाना हुआ। वह 25 नवंबर को रात्रि करीबन 11 बजे सालावास बीपीएलसी डिपो के पास पहुंचा। इसे 26 नवंबर को सालावास मेंं खाली होना था, लेकिन खाली नहीं हुआ। न तो टैंकर सालावास डिपो पहुंचा न ही ड्राइवर का कोई पता चला। ड्राइवर के मोबाइल पर कई बार फोन किया, लेकिन वह स्विच ऑफ आ रहा है। उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि ड्राइवर के नीयत में खोट आ गई है और वह टैंकर लेकर कहीं चला गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


42 क्विंटल डोडा पोस्त से भरा ट्रक पकड़ा

कीमत 35 लाख से ज्याद, ओसियां के तस्करों ने मंगवाया
जोधपुर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जोधपुर-ओसियां फांटा पर डोडा-पोस्त के 115 बोरों से भरा ट्रक पकड़ कर बाड़मेर के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। ट्रक में करीब 42 क्विंटल डोडा-पोस्त बरामद हुआ है जिसकी कीमत 35 लाख रुपए से ज्यादा है। ब्यूरो के क्षेत्रीय निदेशक बीएल नायक ने बताया कि जोधपुर पासिंग का यह ट्रक शनिवार रात को डोडा-पोस्त भर कर मध्यप्रदेश से रवाना हुआ था। मुखबिर की सूचना पर जोधपुर जिले के सभी रास्तों पर नाकाबंदी की गई। तस्करों ने नियमित रास्ता छोड़ कर डीडवाना होते हुए शनिवार को जोधपुर सीमा में घुसने का प्रयास किया, तब नागौर रोड पर ओसियां फांटा पर उसे पकड़ लिया। ब्यूरो ने डोडा-पोस्त लाने वाले धोरीमन्ना के मीठड़ा गांव निवासी हरीराम विश्नोई और किशनलाल जाट को गिरफ्तार कर लिया। रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह डोडा-पोस्त ओसियां के तस्करों ने मंगवाया था और इसे ओसियां व फलौदी में सप्लाई करना था।

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