रविवार, 6 नवंबर 2011

प्रसव के दौरान बच्चे की मौत की जांच कराने की मांग

प्रसव के दौरान बच्चे की मौत की जांच कराने की मांग

बाड़मेर सरली निवासी ने प्रसव के दौरान बच्चे की मौत के मामले में शनिवार को कलेक्टर वीना प्रधान को ज्ञापन सौंप प्रसव में पचपदरा सीएचसी के स्टाफ पर पैसे नहीं देने पर इलाज नहीं करने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की। इस बाबत पचपदरा थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है।

ज्ञापन में प्रसूता के पति उम्मेदसिंह जाखड़ ने बताया कि राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपदरा में 16 अक्टूबर को उसने पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर शाम तीन बजे भर्ती कराया। पीड़ा अधिक होने पर प्रसूता को डिलेवरी के लिए प्रसूता रूम में ले जाया गया। महिला की प्रसव के दौरान परेशानी होने पर पचपदरा स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने प्रसूता को चीरा लगाया। रात नौ बजे उसे इलाज के लिए बालोतरा स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने प्रसूता की जांच कर बच्चे को मृत बताया। प्रसूता की स्थिति गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने प्रसूता का सिजेरियन ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। इसको लेकर 23 अक्टूबर को पचपदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जीएनएम ने मांगे पैसे: पुलिस थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि जीएनएम ने उसे फोन कर सुरक्षित प्रसव करने के लिए दस हजार रुपए की मांग की। पैसा देने से इनकार करने पर गलत तरीके से इलाज करना शुरू कर दिया।

॥मैने आज जांच की है साथ ही ब्लॉक सीएमएचओ को जांच के लिए नियुक्त किया है। जो तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। प्राइमरी में चीरा लगाते हैं। रेफर किया तब बच्चा जिंदा था।ञ्जञ्ज डॉ. अजमल हुसैन सीएमएचओ

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