मंगलवार, 1 नवंबर 2011

अभी दूर है हिमालय का मीठा पानी!



बाड़मेर। मोहनगढ़ लिफ्ट केनाल के जरिए हिमालय का मीठा पानी बाड़मेर शहर पहुंचने में अभी कम से कम छह माह लग जाएंगे। जैसलमेर के भोजासर गांव के पास रेलवे क्रॉसिंग पर पाइप लाइन अटक गई है। रेलवे द्वारा दिसम्बर माह के बाद पाइप लाइन बिछाने की स्थितियां उपलब्ध करवाने का वादा किया गया है और केनाल से जुड़े अघिकारी इस वादे के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

इधर बाड़मेर शहर व आस-पास गांवों में पेयजल संकट से निपटने के लिए मोहनगढ़ लिफ्ट केनाल से हिमालय के मीठे पानी का लम्बे समय से इंतजार है। इंतजार की घडियां बढ़ती ही जा रही है। इस वर्ष के आरंभ में जनप्रतिनिघियों ने दावा किया था कि वर्षान्त से पहले-पहले दीपावली के आस-पास बाड़मेर शहर की जनता को हिमालय का मीठा पानी पीने के लिए मिल जाएगा और शहर में जलसंकट खत्म हो जाएगा। दीपावली का पर्व बीत गया है, लेकिन मीठा पानी नहीं आया।

कम से कम छह माह और...
लिफ्ट केनाल से जुड़े अघिकारी बताते हैं कि यदि सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो मार्च अथवा अप्रैल माह के अंत तक मीठा पानी बाड़मेर पहुंच जाएगा। भोजासर गांव के पास रेलवे क्रॉसिंग से पाइप लाइन निकालने के लिए रेलवे द्वारा तीन फीट गुणा तीन फीट साइज में केसिंग प्रक्रिया की जा रही है। रेलवे द्वारा दिसम्बर माह तक यह प्रक्रिया पूरी करने का वादा किया गया है।

अघिकारी बताते हैं कि यदि रेलवे अपने वादे के मुताबिक निर्घारित समय में काम पूरा कर देता है तो उसके बाद डेढ़ माह पाइप लाइन बिछाने में लग जाएगा। फिर वाशिंग, सिलिंग व टेस्टिंग का दौर शुरू होगा। ऎसे में मार्च-अप्रैल माह में पानी पहुंचने की उम्मीद की जा सकती है।

रिजर्वेयर व पम्पिंग स्टेशन तैयार : बाड़मेर शहर में सर्किट हाउस के पीछे वाटर रिजर्वेयर तैयार हो चुका है। लक्ष्मीनगर व महावीरनगर में पम्पिंग स्टेशन तैयार हो चुके हैं। शहर भर में नौ ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे पूरा होने में अभी भी एक वर्ष लग सकता है। सर्किट हाऊस के पीछे व अम्बेडकर सर्किल पर पम्पिंग स्टेशन का काम होना शेष है। कुल मिलाकर शहर में पानी की आपूर्ति का सिस्टम भी आधा अधूरा है।

आज भी पानी लेने में सक्षम
वाटर रिजर्वेयर व दो पम्पिंग स्टेशन तैयार होने के कारण हम आज भी मोहनगढ़ लिफ्ट केनाल का पानी लेने में सक्षम है। हमारी तैयारी में कोई कमी नहीं है। ओवरहैड टैंक तैयार होने में एक वर्ष लग जाएगा। -भरत चौधरी, सहायक अभियंता, आर यू आई डी पी बाड़मेर शहर

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