अब हर स्कूल को मिलेगा शुद्ध पानी
पानी क़ी एक़ एक़ बूंद क़्ो तरसने वाले रेतीले इलाक़्े बाड़मेर में जहा क़ी इलाक़्ो में स्क़ूल स्तर पर पानी क़ी भयंकर क़ि्ल्लत क़ सामना करना पड़ रहा है वही कुछ इलाक़्ो में जो पानी मौजुद है उसक़ी गुणवत्ता पर बहस बरसों से जारी है ऐसे में मासूमो क़ी सेहत पर बेहद ज्यादा गंभीर राजस्थान सरक़र जल्द ही हर स्कूल स्तर पर शुद्ध पानी मुहैया करवानी क़ी योजना को धरातल पर उतरने जा रही है। इस योजना क़्े आगाज क़्े बाद जहा पानी शुद्ध करने क़्े फिल्टर प्लांट स्कूलों में लगाये जाएगे वही दूसरी तरफ इस योजना क़्े प्रभावी क़ि््रयानवयन क़्े लिए भी एक़ समिति भी बनेगी। इस समिति क़ क़म इस पुरी योजना क़ी निगरानी करना रहेगा।
बाड़मेर 1 नवम्बर। राज्य भर में आगामी मार्च तक़ हर स्क़ूली बच्च्ो क़्ो तालिम क़्े साथ साथ शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने ज़ी महत्वक़ंक्षी योजना जल्द ही धरातल पर उतरती नजर आएगी। स्कूली बच्चों क़्े शुद्ध पेयजल ज़्े लिए शुरू क़ी गई योजना क़्ो आखिर केद्र सरक़र ने मंजूरी दे दी है। इस योजना में बच्चों क़्े फिल्टर से शुद्ध क़ि्या पानी पीने क़्ो मिलेगा। राज्य सरक़र इस योजना क़्े पहले चरण में नहरी और सतही जल पर निर्भर 5,000 स्कूलों क़ चयन करेगी, जहां पानी क़्ो शुद्ध करने क़्े फिल्टर प्लांट लगाए जाएंगे। सीसीडीयू क़्े आईईसी ज़्न्सलटेंट अशोज़कसिंह ने बताया क़ि मूल रूप से 2009 से प्रस्तावित क़ेद्र क़ी इस योजना क़्े लिए राज्य सरक़र क़ी ओर से स्कू़लों में आरओ प्लांट लगाने क़ प्रस्ताव दिया गया था। प्लांट लगाने और उसक़्े अगले पांच साल क़्े लिए रखरखाव क़्े लिए राज्य सरक़र ने क़ेद्र से 80,000 रुपए प्रति स्क़ू्ल या प्रति प्लांट क़ी मांग क़ी थी। इसमें 200 लीटर या इससे अधिक़ क्षमता क़्े संयंत्र लगाने प्रस्तावित क़ि्ए थे। क़ेद्र सरक़र ने पहले 20,000 रुपए और बाद में 40,000 रुपए प्रति स्क़ूल प्रति आरओ देने क़ी सहमति दे दी थी, लेक़ि्न क़्तिपय क़रणों से मामला अटक़ गया। राज्य सरक़र क़्े पीएचईडी विभाग क़ी ओर से क़ेद्रीय ग्रामीण विक़स विभाग क़्े समक्ष इस मुद्दे क़्ो क़ी बार रखा, लेक़ि्न इसे मंजूरी नहीं मिली। आखिरक़र जलदाय विभाग द्वारा इस मामले पर बेहद गम्भीरता बरतने क़्े बाद में इस योजना क़्ो हरी झण्डी मिल गई है।
क्या है योजना: इस योजना में हर स्क़ूल में शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने क़्े लिए जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाए जाने है। राज्य क़्े अधिक़ंश हिस्सों में क्लोराइड युक्त, नहरी या सतही जल है। नहरी और सतही जल गूगला और जीवाणु युक्त होता है, इससे स्कूली बच्चों क़्े बीमार होने क़ खतरा बना रहता है। पेयजल क़्ो शुद्ध करके्े बच्चों क़्ो पिलाने क़्े लिए ही यह योजना शुरू ज़ी गई है।
अब क्या होगा: क्े द्र ने फिल्टर प्लांट लगाने क़्ो मंजूरी दे दी है। 15 से 20 लीटर क़ी क्षमता एक़ फिल्टर प्लांट 6,000 रुपए क़ होगा। बच्चों क़ी संख्या और जरूरत क़्े हिसाब से स्कूलों में एक़ से चारपांच फिल्टर प्लांट लगाए जाएंगे। यह क़म मार्च, 2012 तक़ पूरा कर लिया जाएगा। अगले चरण में और स्कूलों क़ चयन क़ि्या जाएगा और उनमें फिल्टर प्लांट लगाए जाएंगे।
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