गोसेवा सनातन की सबसे बड़ी सेवा’
सुरभि महामंत्र अनुष्ठान के पांचवे दिन हुए विभिन्न कार्यक्रम, संतों के सानिध्य में यजमानों ने दी यज्ञ में आहुतियां।
रानीवाड़ा ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गोधाम पथमेड़ा की ओर से की जा रही गोसेवा एवं गोरक्षा किसी भी सामान्य जन की कल्पना से भी परे है। उन्होंने गो महत्ता, उपादेयता, आवश्यकता एवं प्रासंगिकता को फिर से स्थापित करने के लिए गत डेढ़ दशक से पथमेड़ा गोधाम की ओर से किए जा रहे प्रयासों को वर्तमान काल में सनातन की सबसे बड़ी सेवा बताया। कार्यक्रम में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्राचार्य महाराज ने मौजूद गोभक्तों व कार्यकर्ताओं से गोमाता को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही।
अनुष्ठान के पांचवे दिन गो ऋषि दत्तशरणानंद महाराज ने नंदगांव में गोसेवकों एवं श्रद्धालुओं को प्रवचन के दौरान कहा कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक अनुष्ठानों में विधि विधान एवं प्रामाणिकता का बहुत महत्व है। ऐसे में जो भी वैदिक कर्म किया जाए, उसे प्रामाणिक विधि से ही करना चाहिए, ताकि अपेक्षित मानव कल्याणकारी एवं गो हितकारी परिणाम मिल सके। उन्होंने कहा कि श्रद्धा व समर्पण के बिना किया हुआ कर्म फलदायी नहीं होता। प्रत्येक आध्यात्मिक अनुष्ठान का मुख्य ध्येय साधक की आंतरिक ऊर्जा एवं सात्विक प्रवृत्तियों को जागृत करना ही होता है। इसके लिए श्रद्धा एवं समर्पण नितांत आवश्यक है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से गोसंरक्षण, गोपालन, गोसंवर्धन, पंच गव्य परिष्करण एवं विनियोग के चारों प्रकल्पों पर देश भर में तेजी लाने का आह्वान किया।
पांचवे दिन भी यज्ञ में दी आहुतियां : गत 27 अक्टूबर से शुरू हुआ 109 कुंडीय सुरभि महामंत्र अनुष्ठान सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा।
साधकों ने वृंदावन के आचार्य गंगाधर पाठक के निर्देशन में यज्ञकुंड में आहुतियां दी। यज्ञ मंडप के परिक्रमा क्षेत्र में साधकों ने सुरभि महामंत्र जाप किया। इससे पहले सवत्सा गायों एवं यज्ञमंडप में विराजित सुरभि गैया का पूजन किया गया। गोधाम पथमेड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मानवता धर्मी पूनम राजपुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम में साधु-संतों के आने का सिलसिला जारी है। देश भर से साधु-संत गोलोक तीर्थ वृंदावन पहुंच रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न पीठों से शंकराचार्यों सहित कई मठ-मंदिरों के प्रमुख संत और मठाधीश भी नंदगांव आ रहे हैं।
गुड़ा बालोतान बिठूड़ा तिराहे स्थित गजानंद मंदिर परिसर में सोमवार से पांच दिवसीय सवा लाख तुलसी पत्रों का अभिषेक कार्यक्रम साध्वी शांतिबाई महाराज के सानिध्य में शुरू हुआ। सोमवार को लाभ पंचमी के उपलक्ष्य में विष्णु भगवान स्वरूप सालिग राम की प्रतिमा पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सवा लाख तुलसी पत्रों का अभिषेक व श्री विष्णु का जाप शुरू हुआ। जिसमें पंडितों के आचार्यत्व में श्रद्धालुओं ने सालिग राम प्रतिमा पर तुलसी पत्रों का अभिषेक किया। इस मौके पर साध्वी शांति बाई महाराज ने बताया कि भगवान विष्णु स्वरूप सालिग राम पर तुलसी अभिषेक करने से देव ऋण, पितृ ऋण सहित पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सदैव लक्ष्मी व समृद्धि का वास होता है। इस दौरान उम्मेदसिंह राजपुरोहित, सुरेश श्रीमाली सहित कई महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।
रानीवाड़ा ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गोधाम पथमेड़ा की ओर से की जा रही गोसेवा एवं गोरक्षा किसी भी सामान्य जन की कल्पना से भी परे है। उन्होंने गो महत्ता, उपादेयता, आवश्यकता एवं प्रासंगिकता को फिर से स्थापित करने के लिए गत डेढ़ दशक से पथमेड़ा गोधाम की ओर से किए जा रहे प्रयासों को वर्तमान काल में सनातन की सबसे बड़ी सेवा बताया। कार्यक्रम में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्राचार्य महाराज ने मौजूद गोभक्तों व कार्यकर्ताओं से गोमाता को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही।
अनुष्ठान के पांचवे दिन गो ऋषि दत्तशरणानंद महाराज ने नंदगांव में गोसेवकों एवं श्रद्धालुओं को प्रवचन के दौरान कहा कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक अनुष्ठानों में विधि विधान एवं प्रामाणिकता का बहुत महत्व है। ऐसे में जो भी वैदिक कर्म किया जाए, उसे प्रामाणिक विधि से ही करना चाहिए, ताकि अपेक्षित मानव कल्याणकारी एवं गो हितकारी परिणाम मिल सके। उन्होंने कहा कि श्रद्धा व समर्पण के बिना किया हुआ कर्म फलदायी नहीं होता। प्रत्येक आध्यात्मिक अनुष्ठान का मुख्य ध्येय साधक की आंतरिक ऊर्जा एवं सात्विक प्रवृत्तियों को जागृत करना ही होता है। इसके लिए श्रद्धा एवं समर्पण नितांत आवश्यक है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से गोसंरक्षण, गोपालन, गोसंवर्धन, पंच गव्य परिष्करण एवं विनियोग के चारों प्रकल्पों पर देश भर में तेजी लाने का आह्वान किया।
पांचवे दिन भी यज्ञ में दी आहुतियां : गत 27 अक्टूबर से शुरू हुआ 109 कुंडीय सुरभि महामंत्र अनुष्ठान सोमवार को पांचवे दिन भी जारी रहा।
साधकों ने वृंदावन के आचार्य गंगाधर पाठक के निर्देशन में यज्ञकुंड में आहुतियां दी। यज्ञ मंडप के परिक्रमा क्षेत्र में साधकों ने सुरभि महामंत्र जाप किया। इससे पहले सवत्सा गायों एवं यज्ञमंडप में विराजित सुरभि गैया का पूजन किया गया। गोधाम पथमेड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मानवता धर्मी पूनम राजपुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम में साधु-संतों के आने का सिलसिला जारी है। देश भर से साधु-संत गोलोक तीर्थ वृंदावन पहुंच रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न पीठों से शंकराचार्यों सहित कई मठ-मंदिरों के प्रमुख संत और मठाधीश भी नंदगांव आ रहे हैं।
सालिग राम का सवा लाख तुलसी पत्रों से अभिषेक शुरू
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