सिमट रहा है दरी-पट्टी उद्योग
मशीनों से काम होने की वजह से लुप्त हो रहा है हाथ का हुनर
ओसियां ओसियां क्षेत्र में सैकड़ों परिवार की रोजी रोटी का जरिया रहा दरी-पट्टी उद्योग सिमट रहा है। मशीनीकरण ने लोगों को बेरोजगार कर दिया है। दरी-पट्टी उद्योग का कार्य मशीनों से होने की वजह से लोगों का रोजगार ही छिन गया है।
ओसियां के खेतासर, सामराऊ व नेवरा सहित दर्जन भर गांवों में दरी-पट्टी उद्योग लोगों को रोजगार दे रहा था। जब से यह कार्य मशीनों के जरिए होने लगा है, लोग बेकार होने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार घरेलू उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के प्रति ध्यान नहीं दे रही है। कभी दरी-पट्टी उद्योग से सैकड़ों परिवार पलते थे, मगर अब यह बीते जमाने की बात होकर रह गई है। अब गिने चुने परिवार ही इस उद्योग में लगे हैं। हाथ से कार्य बंद हो जाने पर लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पहले जहां सैकड़ों परिवार दरी-पट्टी निर्माण कार्यों में लगे हुए थे, वहीं अब स्थिति यहां तक आ गई है गिने चुने परिवार ही इस कार्य में लगे हुए हैं। अब सूत भी महंगा हो गया है। हाथ से कार्य करने से समय व लागत अधिक आती है। हालांकि हाथ से निर्मित दरी-पट्टी मशीन से निर्मित दरी-पट्टी से अधिक मजबूत होती है। मगर इसमें समय अधिक लगने और सूत महंगा हो जाने की वजह से इसकी लागत अधिक आती है। इसलिए अब मशीनों से कार्य होने लगा है।
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