हाबूर बन गया पूनमनगर
45 वर्षों से चल रही मांग अब जाकर हुई पूरी, शहीद के गांव में खुशी की लहर
जैसलमेर देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले शहीद पूनमसिंह के नाम से उसके पैतृक गांव हाबूर का नाम करने की मांग आखिरकार 45 साल बाद पूरी हो गई है। हाबुर के रहने वाले पूनमसिंह ने पुलिस सेवा में रहते हुए 9 सितम्बर 1965 को भुट्टोवाला चौकी पर दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पूनमसिंह को मरणोपरांत पुलिस अग्नि सेवा पदक भी दिया गया। तत्कालीन कलेक्टर विजय गुप्ता ने हाबूर का नाम पूनमनगर करने की घोषणा की थी। उस दौरान डाकघर आदि में तो हाबूर का नाम पूनमनगर हो गया लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं होने से अभी भी कार्रवाई अटकी हुई थी।
हाबूर के रहने वाले विधायक छोटूसिंह भाटी ने इस मांग को विधानसभा में बार- बार उठाया आखिरकार सरकार ने गजट नोटिफिकेशन में हाबूर का नाम पूनमनगर कर दिया। इस संबंध में विधायक भाटी को राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने फोन कर बधाई दी। हालांकि जिलेवासी पिछले कई वर्षों से हाबूर को पूनमनगर से ही संबोधित करते आ रहे हैं लेकिन राजस्व रिकार्ड में इस गांव का नाम हाबूर ही रहा।
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