अपने ही लगा रहे शहर की सुंदरता पर दाग
शहर के स्मारकों व छतरियों पर लगा दिए विज्ञापनों के पोस्टर, बैनर
पालिका भी नहीं कर रही कार्रवाई, लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत
लगाने के बाद भूल जाते हैं
शहर के स्मारकों व छतरियों पर लगा दिए विज्ञापनों के पोस्टर, बैनर
पालिका भी नहीं कर रही कार्रवाई, लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत
लगाने के बाद भूल जाते हैं
जैसलमेर दीपावली के बाद से शहर का सौंदर्य तो दिनों दिन खराब होता जा रहा है। दीपावली के दिनों में व्यापारियों द्वारा अपने प्रतिष्ठान के प्रचार एवं विभिन्न आकर्षक योजनाओं के होर्डिंगस द्वारा शहर को पाट दिया जाता है। लेकिन उसके बाद उन्हें नहीं हटाया जा रहा है। जिससे वह शहर की सुंदरता को बिगाड़ रहे है। कई जगहों पर ऐसे पोस्टर अभी भी लगे है जिनका आयोजन संपन्न हुए करीब एक से ड़ेढ़ साल का समय हो गया है फिर भी उन्हें नहीं हटाया गया है।
जैसलमेर की छवि हो रही है खराब
स्वर्णनगरी भ्रमण पर प्रतिवर्ष लाखों देशी विदेशी सैलानी आते हैं। उनके मन में यहां की सुंदरता की अमिट छाप होती है लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जिनसे जैसलमेर की छवि खराब हो रही है। कई बार तो सैलानियों को स्मारकों पर लगे पोस्टरों व बैनरों को फोटो खींचते भी देखा जा सकता है।
नहीं हो रही है कार्रवाई
शहर के सौंदर्यकरण एवं सुंदरता के प्रति जबावदेह नगरपालिका भी इस मुद्दें पर कोई खास कार्रवाई नहीं कर रही है। पालिका ने भी गत एक वर्ष में सौंदर्यकरण विरूपण के तहत कोई कार्रवाई नहीं की है। पालिका द्वारा कार्रवाई नहीं करने से लोगों भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। पालिका द्वारा भी पोस्टर व बैनर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो मात्र चुनावी माहौल में। कार्रवाई के अभाव में इन दिनों शहर का हर प्रमुख पर्यटन स्थल तथा सरकारी इमारतें पोस्टर व बेनर से अटी पड़े हंै।
जैसलमेर
स्वर्णनगरी में ऐतिहासिक धरोहरों पर भी लोग पोस्टर- बैनर लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे धरोहरों का रूप बिगड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के लिए लगी कलात्मक बंगलियां व छतरियां पोस्टरों व बैनरों से रंग बिरंगी नजर आने लगी हंै। ऐतिहासिक धरोहरों पर भी यही हाल देखने को मिलता है। यहां तक कि शहर में पालिका की ओर से सैलानियों की सुविधा के लिए लगाए गए साइनबोर्ड भी पोस्टरों में छिप गए। नगरपालिका ने एक दो बार इस संबंध में कार्रवाई कर चुप्पी साध ली। शहर का सौंदर्य बिगाडऩे वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होती है तो बस चुनावी माहौल में।
कलात्मक छतरियां भी हो रही हैं बदहाल
शहरी क्षेत्र में हनुमान चौराहे से लेकर स्वर्णनगरी चौराहे तक सौंदर्यीकरण के लिए अनेक छतरियां लगी हुई है और चौराहों को भी कलात्मक बनाया गया है। लेकिन इन जैसलमेरी पत्थरों व छतरियों पर लगे पोस्टर व बैनर दागनुमान साबित हो रहे हैं। इसके अलावा शहरी के भीतरी हिस्सों में अनेक स्थानों पर यही हाल है। और तो और प्राचीन इमारतें, सोनार दुर्ग व गड़सीसर सरोवर जैसे ऐतिहासिक स्थल भी इस दाग से अछूते नहीं है।
पर्यटन स्थलों पर भी पोस्टर
पिछले लंबे से पोस्टर व बेनर लगाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होने के कारण हनुमान चौराहा, अमरसागर प्रोल, सोनार दुर्ग की प्राचीर, गड़सीसर प्रोल, पटवा हवेली, गड़सीसर सरोवर आदि जगहों पर आए दिन व्यापारियों द्वारा पोस्टर, बैनर आदि लगा दिए जाते है। जिससे शहर का सौंदर्य खराब हो रहा है। शहर के अमरसागर प्रोल, मुख्यबाजार, गोपा चौक, गड़सीसर चौराहा पर इतनी बड़ी तादाद में पोस्टर व बेनर लगे है कि सैलानियों को उसका मौलिक स्वरूप भी नहीं दिखाई दे रहा है।
जैसलमेर की छवि हो रही है खराब
स्वर्णनगरी भ्रमण पर प्रतिवर्ष लाखों देशी विदेशी सैलानी आते हैं। उनके मन में यहां की सुंदरता की अमिट छाप होती है लेकिन यहां पहुंचने पर उन्हें ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जिनसे जैसलमेर की छवि खराब हो रही है। कई बार तो सैलानियों को स्मारकों पर लगे पोस्टरों व बैनरों को फोटो खींचते भी देखा जा सकता है।
नहीं हो रही है कार्रवाई
शहर के सौंदर्यकरण एवं सुंदरता के प्रति जबावदेह नगरपालिका भी इस मुद्दें पर कोई खास कार्रवाई नहीं कर रही है। पालिका ने भी गत एक वर्ष में सौंदर्यकरण विरूपण के तहत कोई कार्रवाई नहीं की है। पालिका द्वारा कार्रवाई नहीं करने से लोगों भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। पालिका द्वारा भी पोस्टर व बैनर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो मात्र चुनावी माहौल में। कार्रवाई के अभाव में इन दिनों शहर का हर प्रमुख पर्यटन स्थल तथा सरकारी इमारतें पोस्टर व बेनर से अटी पड़े हंै।
जैसलमेर
स्वर्णनगरी में ऐतिहासिक धरोहरों पर भी लोग पोस्टर- बैनर लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे धरोहरों का रूप बिगड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के लिए लगी कलात्मक बंगलियां व छतरियां पोस्टरों व बैनरों से रंग बिरंगी नजर आने लगी हंै। ऐतिहासिक धरोहरों पर भी यही हाल देखने को मिलता है। यहां तक कि शहर में पालिका की ओर से सैलानियों की सुविधा के लिए लगाए गए साइनबोर्ड भी पोस्टरों में छिप गए। नगरपालिका ने एक दो बार इस संबंध में कार्रवाई कर चुप्पी साध ली। शहर का सौंदर्य बिगाडऩे वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होती है तो बस चुनावी माहौल में।
कलात्मक छतरियां भी हो रही हैं बदहाल
शहरी क्षेत्र में हनुमान चौराहे से लेकर स्वर्णनगरी चौराहे तक सौंदर्यीकरण के लिए अनेक छतरियां लगी हुई है और चौराहों को भी कलात्मक बनाया गया है। लेकिन इन जैसलमेरी पत्थरों व छतरियों पर लगे पोस्टर व बैनर दागनुमान साबित हो रहे हैं। इसके अलावा शहरी के भीतरी हिस्सों में अनेक स्थानों पर यही हाल है। और तो और प्राचीन इमारतें, सोनार दुर्ग व गड़सीसर सरोवर जैसे ऐतिहासिक स्थल भी इस दाग से अछूते नहीं है।
पर्यटन स्थलों पर भी पोस्टर
पिछले लंबे से पोस्टर व बेनर लगाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होने के कारण हनुमान चौराहा, अमरसागर प्रोल, सोनार दुर्ग की प्राचीर, गड़सीसर प्रोल, पटवा हवेली, गड़सीसर सरोवर आदि जगहों पर आए दिन व्यापारियों द्वारा पोस्टर, बैनर आदि लगा दिए जाते है। जिससे शहर का सौंदर्य खराब हो रहा है। शहर के अमरसागर प्रोल, मुख्यबाजार, गोपा चौक, गड़सीसर चौराहा पर इतनी बड़ी तादाद में पोस्टर व बेनर लगे है कि सैलानियों को उसका मौलिक स्वरूप भी नहीं दिखाई दे रहा है।
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