मंगलवार, 29 नवंबर 2011

भक्ति और शक्ति के देवता हनुमान जी....श्री हनुमान जी की आरती



भक्ति और शक्ति के देवता हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन होता है मंगलवार. पुराणों में बताया गया है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से ऋद्धि सिद्धि मिलती है, बल और ऊर्जा का संचार बना रहता है और उन पर सिंदूर चढ़ाने से पति की लंबी उम्र प्राप्त होती है. हनुमान जी इस धरती पर अजर और अमर हैं. हर दिन हर पल अपने भक्तों के प्राण हैं. राम भक्त हनुमान की लीला एवं शक्ति अपरम्पार है. हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनको यह वरदान प्राप्त है कि जो भी भक्त हनुमान जी की शरण में आएगा उसका कलियुग कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा.

हनुमान जी के पिता का नाम “केसरी” और माता का नाम “अंजनि” था. इसलिए लोग उन्हें केसरी नंदन और अंजनि पुत्र के नाम से भी जानते हैं. आप भी हनुमान जी की आरती का पाठ कीजिए और भक्त हनुमान की भक्ति में खो जाइए:



श्री हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥


जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न झाँके।

अंजनि पुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहायी॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।


दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जाय सिया सुधि लाये ।

लंका सौ कोटि समुद्र सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई ॥ आरति कीजै हनुमान लला की ।



लंका जारि असुर संघारे, सिया रामजी के काज संवारे ।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे, आन संजीवन प्राण उबारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।


पैठि पाताल तोड़ि यम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे ।

बाँये भुजा असुरदल मारे, दाहिने भुजा संत जन तारे ॥ आरति कीजै हनुमान लला की ।


सुर नर मुनि जन आरति उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे ।

कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करती अंजना माई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।


जो हनुमान जी की आरति गावे, बसि वैकुण्ठ परम पद पावे ।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

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