गुरुवार, 3 नवंबर 2011

नरेंद्र मोदी का फरमान: कोई नहीं लाएगा मंच पर टोपी-काफा, उबाऊ भाषण भी नहीं होंगे



अहमदाबाद. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को अब कोई टोपी या काफा भेंट नहीं कर सकेगा। मोदी के साथ हाल में हुई ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सीएम ऑफिस ने ‘क्‍या करें’ और ‘क्‍या ना करें’ की लंबी लिस्‍ट तैयार की है। सद्भावना मिशन के तहत मोदी के उपवास के दौरान मुस्लिम समुदाय के दो लोगों ने सार्वजनिक मंच पर मोदी को टोपी और काफा भेंट करने की कोशिश की थी लेकिन सीएम ने इसे कबूल करने से इनकार कर दिया। भविष्‍य में ऐसी शर्मिंदगी से बचने के लिए सीएम ऑफिस ने तैयारी कर ली है।

सूत्रों के मुताबिक सीएम ऑफिस ने राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ मंत्रियों, पदाधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की सलाह के बाद एक नोट तैयार किया है जिसके तहत मोदी से मिलने के लिए मंच पर जाने वाले हर शख्‍स की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी शख्‍स को सुरक्षाकर्मियों और पार्टी नेताओं की पूर्व अनुमति के बिना टोपी, शॉल जैसी चीजें लाने की इजाजत नहीं होगी। मोदी के मंच से उबाऊ भाषण दिए जाने पर भी रोक लगा दी गई है।


पार्टी कार्यकर्ताओं को मोदी के उपवास स्‍थल पर अधिक से अधिक व्‍यवसायियों, समाज सेवियों और धार्मिक नेताओं को लाने के लिए कहा गया है। मंत्रियों को हिदायत दी गई है कि मंच से दिए जाने वाले भाषण रिपीट नहीं होने चाहिए और ऐसे भाषण भी नहीं हों जिससे वहां बैठे लोग उब जाएं।

सीएम ऑफिस की ओर से तैयार किए गए इस फरमान को सभी प्रमुख अधिकारियों, मंत्रियों और पार्टी नेताओं के बीच बांट दिया गया है। अहमदाबाद से बीते 17 सितंबर को तीन दिनों का उपवास शुरू करने वाले मोदी द्वारका और नवसारी में भी ऐसे उपवास कर चुके हैं। सद्भावना उपवास का मकसद राज्‍य में सांपद्रायिक सद्भाव, एकता और भाईचारा को बढ़ावा देना है। गुजरात दंगे से जुड़े जाकिया जाफरी केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद ही मोदी ने इस सद्भावना उपवास का ऐलान किया था।

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