बुधवार, 2 नवंबर 2011

महिलाएं तय करेंगी, शराब की दुकान होगी या नहीं


जयपुर। आदिवासी क्षेत्र में होने वाली गौण वन उपज, बांस और तेंदूपत्ता से होने वाली आय की शुद्ध राजस्व संबंधित ग्राम पंचायत की होगी और इस आय का 50 प्रतिशत क्षेत्र के विकास में और 50 प्रतिशत तेंदूपत्ता और अन्य उत्पादों के विकास में काम में लिया जाएगा। ये प्रावधान राज्य सरकार की ओर से राजस्थान पंचायती राज (उपबंधों का अनुसूचित क्षेत्रों में उनके लागू होने के संबंध में उपांतरण) नियम 2011 (पीसा रूल्स) में शामिल किए गए हैं।

इन नियमों के संबंध में अधिसूचना बुधवार को ही जारी हुई है। इन नियमों के अनुसार अंधविश्वास और भूतसिद्धि से संबंधित मामले को निपटाने के प्रावधान भी इन नियमों में शामिल किए गए हैं। इतना ही नहीं ग्राम सभा में महिलाओं के विचारों और फैसलों को विशेष महत्व दिया जाएगा और उनके अनुसार ही शराब की दुकानें लगाने या नहीं लगाने के मामले तय किए जाएंगे।



अधिनियम के अनुसार आदिवासी क्षेत्र में ग्राम पंचायत के साथ ग्राम सभाओं को भी सशक्त बनाया गया है। ग्राम सभा में सभी तरह के मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। ग्राम सभा 20 सदस्यों वाली शांति समिति का गठन कर सकेगी। इसमें 33 प्रतिशत महिलाएं शामिल होंगी। यह समिति शांति भंग करने वालों को परामर्श देना और मध्यस्थता का काम करेगी। ग्राम सभा या शांति समिति प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, अपनी परंपरा के अनुसार कार्रवाई करेगी। किसी विवाद की सुनवाई केवल जनता के बीच होगी।

इन नियमों में उधार देने पर नियंत्रण का प्रावधान किया गया है। पंचायत या पंचायत समिति अनुसूचित क्षेत्रों में राजस्थान साहूकार अधिनियम , 1963 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सक्षम होगी। इससे लोगों को धन उधार देने के मामले में होने वाले शोषण पर अंकुश लगेगी। इन नियमों में वन क्षेत्रों में 15 जुलाई से 30 सितंबर तक की अवधि में वन भूमि के 200 मीटर के भीतर कोई आग नहीं जलाई जाएगी। इन क्षेत्रों में खंड वन अधिकारी की ओर से आदेश मिलने के बाद ही आग लगा सकेंगे। ग्राम सभा की अनुमति के आधार पर ही क्षेत्र में शराब की दुकानें लगाई जा सकेंगी। साथ ही क्षेत्र में अवैध शराब की रोकथाम के लिए भी ग्राम सभा का सहयोग लिया जाएगा। इसी प्रकार स्थानीय रीति रिवाजों के लिए शराब के उपयोग के लिए ग्राम सभा सीमाएं तय करेंगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें