सोमवार, 28 नवंबर 2011

गहलोत मंत्रिमंडल बैठक: मेट्रो के लिए होंगी 400 नई भर्तियां



जयपुर। अलवर, भरतपुर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कस्टोडियन भूमि पर खातेदारी अधिकार देने के प्रस्ताव को सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। बकाया राशि देने के साथ ही थोड़ा सा जुर्माना देकर काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार मिल जाएंगे। इससे 35,000 किसान लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुंभलगढ़ सेंचुरी को नेशनल पार्क घोषित करने, मेट्रो के काम को आगे बढ़ाने के लिए भर्ती की प्रक्रिया के प्रस्ताव, बच्चा गोद लेने वाली महिला कर्मचारियों को अवकाश और टीकाकरण के लिए नई योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।



राज्य में सेंट गोबेन के माइनिंग क्षेत्र में प्रवेश करने और महाराष्ट्र की कंपनी कल्याणी ग्रुप के 15,000 करोड़ रुपए के निवेश करने के मामलों का निस्तारण करने के लिए सबकमेटी का गठन करने का फैसला भी लिया गया। बैठक के दौरान एफडीआई के मुद्दे पर भी चर्चा कर पहले पूरे मामले का परीक्षण कराने का फैसला किया गया।



कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि कुंभलगढ़ सेंचुरी को नेशनल पार्क का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसमें कुंभलगढ़ के साथ रावल और टॉटगढ़ के वन क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। बैठक में दूसरे चरण में चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक के लिए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही ऑपरेशन और मेंटेनेंस के लिए 400 लोगों की भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।



बच्चा गोद लेने पर महिलाओं को अवकाश : कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकारी नौकरी में कार्यरत महिला कर्मचारियों को एक साल की उम्र के बच्चों को गोद लेने पर अवकाश देने पर सहमति हुई। यह अवकाश कितना होगा, इस पर अभी फैसला बाद में किया जाएगा।




सब कमेटी गठित : प्रदेश में निवेश के लिए आ रही ग्लास की सबसे बड़ी कंपनी सेंट गोबेन अब माइनिंग के क्षेत्र में आ रही है। इसके साथ ही महाराष्ट्र की कल्याणी ग्रुप कंपनी विभिन्न क्षेत्र में 15,000 करोड़ का निवेश करने आ रही है। इनके सहयोग के लिए सब कमेटी का गठन किया गया है।



एफडीआई पर चर्चा : कैबिनेट की बैठक में खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के मामले में चर्चा हुई। इस विषय पर तय किया गया कि पहले सभी पहलुओं पर विस्तार से परीक्षण करने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि वैसे भी राज्यों के लिए इसे लागू करना वैकल्पिक है, राज्य चाहे तो इससे इनकार कर सकते हैं।

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