रविवार, 30 अक्तूबर 2011

द्वारिकाधीश मंदिर में गुजरातियों की भीड़


द्वारिकाधीश मंदिर में गुजरातियों की भीड़

राजसमंद. प्रभू द्वारिकाधीश मंदिर में दीपोत्सव एवं इसके बाद गुजरातियों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जिसे देखकर इन दिनों ऐसा लग रहा है कि मानो मंदिर परिसर गुजरात में ही स्थित हो। मंदिर में सुबह से लेकर देर शाम तक गुजराती वैष्णवों की भीड़ दर्शनों के लिए लगी रहती है।

कांकरोली स्थित प्रभू द्वारिकाधीश मंदिर में दीपावली के त्योहार के साथ ही गुजराती वैष्णव दर्शनार्थियों का आना शुरू हो गया था। गुजरात के लोग दीपावली के दूसरे दिन नए वर्ष की शुरुआत मानते हैं। मंदिर में दीपावली के अगले दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। इसको लेकर मंदिर में प्रति वर्ष की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में स्थानीय के साथ गुजराती वैष्णव उमड़े तथा इसके बाद से ही गुजराती वैष्णवों के आने का क्रम लगातार जारी है। इसके चलते इन दिनों मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में सभी ओर गुजराती वैष्णव ही दिखाई दे रहे हैं। मंदिर में उनके द्वारा गुजराती भाषा में संवाद करते हुए देखकर ऐसा लगता है कि जैसे पूरा गुजरात यहां सिमट आया हो। गुजरात से आए शोभा भाई ने बताया कि गुजरात प्रांत के लोग दीपावली से ज्यादा अन्नकूट महोत्सव को महत्व देते हैं, क्योंकि यह दिन नए वर्ष की शुरुआत माना जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि वह प्रभुश्री के साथ ही नया वर्ष मनाए, शेष त्न पेज १४

ताकि उसका पूरा वर्ष मंगलमय हो।

दिनभर चलता है कीर्तन

दीपावली के त्योहार एवं इसके बाद मंदिर के रतन चौक में पैर रखने की जगह भी नहीं होती है। इसके बावजूद चौक में दिनभर कीर्तन की स्वर लहरियां गूंजती रहती हैं। यहां पर महिलाओं व युवतियों को सुबह से लेकर देर शाम तक प्रभु के गुणगान करते देखा जा सकता है।

लाभ पंचमी पर आज भी रहेगी भीड़

मंदिर में लाभ पंचमी पर रविवार को भी हजारों की संख्या में गुजराती वैष्णव दर्शन करने आएंगे। मंदिर के समाधानी राजकुमार ने बताया कि गुजरात में लाभ पंचमी को भी काफी शुभ मानते हैं। मंदिर में सोमवार को लाभ पंचमी मनाई जाएगी। इसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

पार्किंग की समस्या

मंदिर के बाहर भीड़ को देखते हुए पार्किंग की समस्या सामने आई है। ऐसे में जिस व्यक्ति को जहां पर जगह मिलती है वह अपने वाहन वहां खड़ा कर देता है। अलसुबह व शाम को काफी संख्या में चौपहिया वाहनों को यहां खड़ा देखा जा सकता है। कई बार तो लोगों को पैदल भी मंदिर में आने व जाने की जगह नहीं मिलती है।




नाथद्वारा में वैष्णवों की चहल-पहल



नाथद्वारा  शनिवार और रविवार के अवकाश व दीपावली की छुट्टियों के चलते तथा आध्यात्मिक तौर पर दीपोत्सव पर्व के बाद श्रीजी के दर्शन के लिए शनिवार को नगर में वैष्णव दर्शनार्थियों की अपार भीड़ उमड़ी। शनिवार को मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र सहित अहिल्या कुंड, गोविंद चौक व बस स्टैंड तक भारी चहल-पहल रही।

गुजराती वैष्णवों की भारी आवक के चलते शनिवार को श्रीजी प्रभु की राजभोग झांकी में श्रद्धा का अपार ज्वार उमड़ा। लोगों ने विभिन्न झांकियों के दर्शनों का लाभ लिया। श्रीजी प्रभु की सभी झांकियों में दर्शनार्थियों को खेवा पद्धति से दर्शन कराए गए। शनिवार को मंदिर मार्ग, चौपाटी, माणक चौक, नया बाजार, सर्राफा बाजार में चारों ओर तिल भर जगह नहीं बची, जिसके चलते नगर के बाजारों में दोपहिया वाहनों व राहगीरों का चलना भी दूभर हो गया।

सीजन शुरू : नाथद्वारा नगर का कोई भी व्यापारी चाहे वह किसी भी व्यापार से जुड़़ा हो वह परोक्ष व अपरोक्ष रूप से इन वैष्णवों की आवक पर टिका है। नगर का 90 प्रतिशत व्यापार इन वैष्णवजनों की आवक पर है। यदि वैष्णवजनों की आवक कम होती है तो इसका सीधा असर नाथद्वारा के बाजार पर पड़ता है। इसका मुख्य कारण अधिकतम नगरवासियों का मंदिर सेवा से जुड़ा होना है। उनकी रोजी- रोटी का साधन ही मंदिर व वैष्णवजन हैं। दीपावली का त्योहार साल भर का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस समय गुजरात सहित अन्य प्रांतों के स्कूलों में छुट्टियां होने तथा दीपावली जैसे महापर्व पर श्रीजी के दर्शनार्थ लाखों वैष्णवों की भीड़ उमड़ती है। दीपावली का यह सीजन दीपावली के बाद पडऩे वाली लाभ पंचमी से शुरू हो जाता है। इस बार सोमवार को लाभ पंचमी है। व्यापारियों के लिए दीपावली का सीजन शनिवार से ही शुरू हो गया। यह सीजन अगले 15 दिनों तक चलेगा।

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