शराब ठेके पर प्रौढ़ शिक्षा अभियान का फर्नीचर! . बाड़मेर जिन दरी पट्टियों व स्टूलों पर बैठकर पहले जहां प्रौढ़ जन आखर ज्ञान लिया करते थे, उन पर अब शराब की महफिलें जमने लगी हैं। जोधपुर रोड पर स्थित बीएनसी चौराहे के नजदीक स्थित एक अंग्रेजी शराब के ठेके के पास बने हॉल में चलने वाले मयखाने में बाड़मेर प्रौढ़ शिक्षा समिति की दरी पट्टियां व स्टूलों पर दिनभर जाम छलकते हैं, पर संबंधित विभागों को इसकी खबर तक नहीं। भास्कर टीम की पड़ताल में यह बात सामने आई। अभियान समायोजित हुआ, सामग्री का हिसाब नहीं : बाड़मेर प्रौढ़ शिक्षा समिति व अनौपचारिक शिक्षा अभियान पहले साक्षरता अभियान में और अब ‘साक्षर भारत मिशन 2012’ में मर्ज हो गया, पर ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले केंद्रों के फर्नीचर का हिसाब-किताब किसी के पास नहीं। सूत्रों के अनुसार बाड़मेर प्रौढ़ शिक्षा समिति व अनौपचारिक शिक्षा अभियान खत्म हुआ तो प्रेरकों को सरकारी सामग्री नजदीकी स्कूलों में जमा करवाकर प्राप्ति रसीद जमा करवाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद अधिकांश प्रेरकों ने सामग्री जमा ही नहीं करवाई और संबंधित अधिकारियों ने भी इसको लेकर सख्ती नहीं बरती। आज स्थिति यह है कि शिक्षा की अलख जगाने के लिए भेजी गई लाखों रुपए की सरकारी सामग्री शराब के ठेकों तक पहुंच गई है। इस संबंध में साक्षरता के संबंधित अधिकारी पीपी व्यास से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। जिला आबकारी अधिकारी बोले, हमारी नहीं पुलिस की ड्यूटी : इस संबंध में जब जिला आबकारी अधिकारी गणेशाराम चौधरी से पूछा गया कि क्या अंग्रेजी शराब के ठेके के पास हॉल में बिठाकर शराब पिलाने के लिए कोई लाइसेंस जारी हुए हैं? इस पर उनका जवाब था कि आबकारी विभाग से शराब ठेके के लिए लाइसेंस दिए गए हैं, ठेके पर ठेकेदार शराब की बिक्री कर सकता है। अब ठेके के पास में यदि शराब परोसी जाती है तो इसके लिए पुलिस की ड्यूटी है पाबंद करे, हमारी नहीं। यदि ऐसा है तो कार्रवाई करेंगे ॥यदि इस तरह से खुले आम बिना लाइसेंस शराब बार चल रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।’’ संतोष चालके, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर कल ही पता करवाती हूं ॥यदि ऐसा है तो गंभीर मामला है। कल ही इसका पता करवाकर जांच करवाती हूं। यदि ऐसा मामला पाया जाता है तो आवश्यक कार्रवाई होगी।’’ डॉ. वीना प्रधान, जिला कलेक्टर, बाड़मेर। |
रविवार, 30 अक्टूबर 2011
शराब ठेके पर प्रौढ़ शिक्षा अभियान का फर्नीचर!
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