रविवार, 30 अक्तूबर 2011

गो-कल्याण महोत्सव : दूसरे दिन विधि विधान से किया यज्ञ, दी आहुतियां


गो-कल्याण महोत्सव : दूसरे दिन विधि विधान से किया यज्ञ, दी आहुतियां

गो पूजन के साथ हुआ शृंगार

संतों का होने लगा समागम, वक्ताओं ने कहा - सभी को आगे आना होगा गोसंवर्धन के लिए

रानीवाड़ा/सांचौर निकटवर्ती मनोरमा गोलोक तीर्थ नंदगांव में चल रहे सुरभि महामंत्र अनुष्ठान के तीसरे दिन शनिवार को साधकों ने गो पूजन के साथ यज्ञाग्नि में आहुतियां दी। गो ऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य एवं वेदविद गंगाधर पाठक के आचार्यत्व में ब्राह्मणों ने वैदिक विधि विधान से यज्ञ किया। इस दौरान यज्ञ मंडल में सवत्सा गायों, बछड़ों और नंदी का पूजन किया गया। गोवंश को चांदी के आभूषण और वस्त्र भी पहनाए गए। इसके बाद यजमानों और ब्राह्मणों ने गोमाता की विधि विधान से पूजा की। स्वामी दत्त शरणानंद महाराज ने भी यज्ञाग्नि के दर्शन कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आयोजन समिति के वरिष्ठ सदस्य श्रवणसिंह राव ने बताया कि सुरभि महामंत्र अनुष्ठान 4 नवंबर तक चलेगा। इसके साथ ही भारतीय गो-कल्याण महामहोत्सव का दूसरा चरण शुरू होगा। जिसमें नामी कथाकार रमेश भाई ओझा गो-कथा करेंगे। इसके अलावा देश-प्रदेश से आने वाले साधु संत एवं मनीषी गोमाता के महत्व पर व्याख्यान देंगे।

संगोष्ठी का आयोजन

आयोजन समिति के सदस्य जानकी प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गो-कल्याण महोत्सव के तहत 4 नवंबर से 10 नवंबर तक रोजाना शाम साढ़े तीन बजे से साढ़े छह बजे तक गो-संगोष्ठियों का आयोजन होगा। जिसमें देश के प्रमुख गो सेवी चिंतक, विचारक, विद्वान, वैज्ञानिक, यज्ञाचार्य, कृषि वैज्ञानिक, नेता एवं समाजसेवी हिस्सा लेंगे। संगोष्ठियों का केंद्रीय विषय ‘गाय द्वारा मानव जाति एवं समष्टि प्रकृति का कल्याण’ रहेगा। संगोष्ठी में कई संत-महात्मा भी शरीक होंगे।

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