बुधवार, 14 सितंबर 2011

BSF जवान करता था मासूमों का सौदा, बयां की जुल्मों की दास्तां



रेवाड़ी . मिजोरम से लाकर एक नाबालिग को जिले के गांव पीथनवास में बेचने का मामला सामने आया है। नाबालिग की खरीद-फरोख्त करने के इस घिनौने काम में मिजोरम में ही तैनात राजस्थान का एक बीएसएफ जवान व उसके रिश्तेदार शामिल है।

सोमवार रात को जिले में पहुंची मिजोरम पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से नाबालिग को बरामद करने के साथ ही इस पूरे खेल में शामिल पांच आरोपियों को दबोच लिया है जबकि उनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

बीएसएफ जवान ने की तस्करी : काचलवार जिले के रोडवाल निवासी सत्यवान बीएसएफ में मिजोरम तैनात है। जुलाई के महीने में सत्यवान ने मिजोरम में ही एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर किसी जानकार के साथ उसे दिल्ली के लिए ट्रेन में बैठा दिया।

इधर, सत्यवान का भाई राजू नाबालिग को लेने के लिए दिल्ली पहुंच गया। राजू दिल्ली रेलवे स्टेशन से नाबालिग को रिसीव करके अपने गांव रोडवाल ले आया। राजू ने किसी व्यक्ति से नाबालिग का 80 हजार रुपए में सौदा कर लिया। दो दिन घर रखने के बाद राजू ने 80 हजार में नाबालिग को बेच ड़ाला।

फोन पर बातचीत से हुआ खुलासा

शादी के बाद लगभग डेढ महीने तक दिनेश व उसके परिजनों ने नाबालिग को अपने घर पर बातचीत तक नहीं करने दी। 8 सितंबर को नाबालिग ने दिनेश के मोबाइल से अपने घर फोन मिला दिया और जुल्मों की दास्तान भी बयान कर दी। वहीं दूसरी ओर नाबालिग के परिजनों ने उसके गायब होने के बाद से ही मिजोरम के आईजोल थाने में उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई हुई थी। फोन की सूचना नाबालिग के परिजनों ने तुरंत ही मिजोरम पुलिस को दी।

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