ओसियां थानाधिकारी एसआई लाखाराम को हटाया
जोधपुर एएनएम भंवरीदेवी अपहरण कांड में सोमवार को ओसियां थानाधिकारी एसआई लाखाराम को हटा दिया गया है। पुलिस अफसरों ने भंवरीदेवी की कॉल डिटेल की जांच की तो भंवरी के मोबाइल नंबर 9413958158 पर लाखाराम के मोबाइल नंबर 9414201100 से 22 अगस्त से 28 अगस्त तक नियमित बातें करना सामने आ गया। अफसरों ने लाखाराम को ग्रामीण एसपी ऑफिस बुलाया और पूछताछ की। एसआई लाखाराम ने बोरुंदा में पोस्टिंग के दौरान से भंवरी के संपर्क में होना कबूल किया। इस पर अफसरों ने उसे फटकारा और उसे ओसियां थाने से हटा कर जैसलमेर भेज दिया। उल्लेखनीय है कि एसआई लाखाराम बाड़मेर में 31 दिसंबर को हुए दिनेश मांजू हत्याकांड में संदिग्ध आरोपियों को फोन पर सचेत करने के मामले में भी उलझा हुआ है। बाड़मेर एसपी संतोष चालके की रिपोर्ट पर आईजी उमेश मिश्रा उसकी फलौदी एएसपी केसरसिंह से जांच करवा रहे हैं।
दो महीने यूपी में छुपाना है भंवरी को’
बिलाड़ा एएनएम भंवरी देवी को दो महिनों के लिए उत्तरप्रदेश में छुपाए रखने की साजिश रची गई थी। इस काम के लिए कापरड़ा के बलदेव उर्फ बलिया ने झांसी के अशोक माली को सीकर रामगढ़ से बिलाड़ा बुलाया था। हालांकि अशोक ने इनकार कर दिया था, मगर बलदेव के साथ उसकी बातचीत कॉल डिटेल में सामने आ गईं और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। सात दिन तक गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे बेकसूर मानते हुए छोड़ दिया। पुलिस के अनुसार अपहरण कांड में आरोपी कापरड़ा का बलदेव और पीपाड़ का शहाबुद्दीन दोनों गाडिय़ां चुराने का धंधा करते हैं। बलदेव कापरड़ा के अनिल के मार्फत अशोक माली को जानता था। .
अशोक काम की तलाश में था। बलदेव ने अपहरण से कुछ दिन पहले ही अशोक को काम देने के बहाने बिलाड़ा बुलाया और कहा कि एक महिला को दो माह तक यूपी के ओराई-झांसी में छुपाना है। अशोक इस काम के लिए तैयार नहीं हुआ और वह रामगढ़ लौट गया। बलदेव, अनिल की उससे मोबाइल पर बातें हुई थीं, इसलिए पुलिस ने अशोक को पकड़ लिया था।
यूं मिले अशोक और बलदेव : अशोक रामगढ़ से पहले सरदार शहर में रहता था और काम की तलाश में था। आम्र्स एक्ट के एक मुकदमे में जब वह चूरू की जेल में था तब उसकी मुलाकात गोपी से हुई थी। गोपी पर दुराचरण का मुकदमा दर्ज था। पुलिस से छुपने के लिए गोपी ने तिंवरी के एक नेता के पास शरण ली थी। यहां उसकी मुलाकात हबीब तेली से हुई। शेष त्न पेज ४
जेल में गोपी व अशोक में दोस्ती हो गई। गोपी और हबीब ने अशोक को काम दिलाने के लिए तिंवरी के नेता के भानजे कापरड़ा निवासी अनिल से संपर्क करने को कहा। अनिल और बलदेव उर्फ बलिया दोस्त हैं। बलदेव ने अशोक से कहा कि यूपी से गाडिय़ां चुरा कर ले आ, यहां उन्हें निकाल देंगे।
भंवरी का सुराग नहीं, ठेकेदार का रिमांड एक दिन बढ़ा :
अपहरण कांड में गिरफ्तार एकमात्र आरोपी सोहनलाल विश्नोई का पुलिस रिमांड एक दिन और बढ़ा दिया गया है। पुलिस किसी भी आरोपी को 15 दिन तक ही रिमांड पर रख सकती है और यह अवधि मंगलवार को पूरी हो जाएगी। इसके बाद सोहनलाल को जेल भेज दिया जाएगा। चौदह दिनों की पूछताछ के बावजूद पुलिस को भंवरी का सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने सोमवार को जब उसका रिमांड और मांगा तो न्यायाधीश संदीप शर्मा ने जांच अधिकारी एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक से कहा कि अब तक क्या उजागर कर लिया है? यह भी कहा कि जैसा पुलिस के बड़े अफसर वक्तव्य दे रहे हैं वैसा तो केस डायरी में है ही नहीं। लोक अभियोजक ने कहा कि सोहनलाल के कुछ और सिम कार्ड की जानकारी मिली है, उन्हें बरामद करना है। इस पर न्यायाधीश ने एक दिन और रिमांड बढ़ा दिया।
जोधपुर एएनएम भंवरीदेवी अपहरण कांड में सोमवार को ओसियां थानाधिकारी एसआई लाखाराम को हटा दिया गया है। पुलिस अफसरों ने भंवरीदेवी की कॉल डिटेल की जांच की तो भंवरी के मोबाइल नंबर 9413958158 पर लाखाराम के मोबाइल नंबर 9414201100 से 22 अगस्त से 28 अगस्त तक नियमित बातें करना सामने आ गया। अफसरों ने लाखाराम को ग्रामीण एसपी ऑफिस बुलाया और पूछताछ की। एसआई लाखाराम ने बोरुंदा में पोस्टिंग के दौरान से भंवरी के संपर्क में होना कबूल किया। इस पर अफसरों ने उसे फटकारा और उसे ओसियां थाने से हटा कर जैसलमेर भेज दिया। उल्लेखनीय है कि एसआई लाखाराम बाड़मेर में 31 दिसंबर को हुए दिनेश मांजू हत्याकांड में संदिग्ध आरोपियों को फोन पर सचेत करने के मामले में भी उलझा हुआ है। बाड़मेर एसपी संतोष चालके की रिपोर्ट पर आईजी उमेश मिश्रा उसकी फलौदी एएसपी केसरसिंह से जांच करवा रहे हैं।
दो महीने यूपी में छुपाना है भंवरी को’
बिलाड़ा एएनएम भंवरी देवी को दो महिनों के लिए उत्तरप्रदेश में छुपाए रखने की साजिश रची गई थी। इस काम के लिए कापरड़ा के बलदेव उर्फ बलिया ने झांसी के अशोक माली को सीकर रामगढ़ से बिलाड़ा बुलाया था। हालांकि अशोक ने इनकार कर दिया था, मगर बलदेव के साथ उसकी बातचीत कॉल डिटेल में सामने आ गईं और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। सात दिन तक गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे बेकसूर मानते हुए छोड़ दिया। पुलिस के अनुसार अपहरण कांड में आरोपी कापरड़ा का बलदेव और पीपाड़ का शहाबुद्दीन दोनों गाडिय़ां चुराने का धंधा करते हैं। बलदेव कापरड़ा के अनिल के मार्फत अशोक माली को जानता था। .
अशोक काम की तलाश में था। बलदेव ने अपहरण से कुछ दिन पहले ही अशोक को काम देने के बहाने बिलाड़ा बुलाया और कहा कि एक महिला को दो माह तक यूपी के ओराई-झांसी में छुपाना है। अशोक इस काम के लिए तैयार नहीं हुआ और वह रामगढ़ लौट गया। बलदेव, अनिल की उससे मोबाइल पर बातें हुई थीं, इसलिए पुलिस ने अशोक को पकड़ लिया था।
यूं मिले अशोक और बलदेव : अशोक रामगढ़ से पहले सरदार शहर में रहता था और काम की तलाश में था। आम्र्स एक्ट के एक मुकदमे में जब वह चूरू की जेल में था तब उसकी मुलाकात गोपी से हुई थी। गोपी पर दुराचरण का मुकदमा दर्ज था। पुलिस से छुपने के लिए गोपी ने तिंवरी के एक नेता के पास शरण ली थी। यहां उसकी मुलाकात हबीब तेली से हुई। शेष त्न पेज ४
जेल में गोपी व अशोक में दोस्ती हो गई। गोपी और हबीब ने अशोक को काम दिलाने के लिए तिंवरी के नेता के भानजे कापरड़ा निवासी अनिल से संपर्क करने को कहा। अनिल और बलदेव उर्फ बलिया दोस्त हैं। बलदेव ने अशोक से कहा कि यूपी से गाडिय़ां चुरा कर ले आ, यहां उन्हें निकाल देंगे।
भंवरी का सुराग नहीं, ठेकेदार का रिमांड एक दिन बढ़ा :
अपहरण कांड में गिरफ्तार एकमात्र आरोपी सोहनलाल विश्नोई का पुलिस रिमांड एक दिन और बढ़ा दिया गया है। पुलिस किसी भी आरोपी को 15 दिन तक ही रिमांड पर रख सकती है और यह अवधि मंगलवार को पूरी हो जाएगी। इसके बाद सोहनलाल को जेल भेज दिया जाएगा। चौदह दिनों की पूछताछ के बावजूद पुलिस को भंवरी का सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने सोमवार को जब उसका रिमांड और मांगा तो न्यायाधीश संदीप शर्मा ने जांच अधिकारी एएसपी हिम्मत अभिलाष टाक से कहा कि अब तक क्या उजागर कर लिया है? यह भी कहा कि जैसा पुलिस के बड़े अफसर वक्तव्य दे रहे हैं वैसा तो केस डायरी में है ही नहीं। लोक अभियोजक ने कहा कि सोहनलाल के कुछ और सिम कार्ड की जानकारी मिली है, उन्हें बरामद करना है। इस पर न्यायाधीश ने एक दिन और रिमांड बढ़ा दिया।
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