नौ नहीं आठ दिन होंगे नवरात्र
जयपुर। शारदीय नवरात्र में तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण इस बार नौ की बजाय आठ नवरात्र होंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि नवरात्र का घटना शुभ संकेत नहीं है। तिथि के क्षय के कारण देश और राज्य में विवाद, अर्थ का संकट व अनेक प्रकार के उपद्रव होने की आशंका है। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर 28 सितम्बर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे।
ज्योतिषियों का कहना है कि 28 सितम्बर को नवरात्र शुभारम्भ पर घट स्थापना का सर्वश्रेष समय सुबह 6.22 बजे 7.50 बजे तक रहेगा। इसके अलावा सूर्योदय से 9.20 बजे तक लाभ और अमृत चौघडिए तथा सुबह 10.49 से दोपहर 12 बजे तक शुभ के चौघडिए में भी घट स्थापना की जा सकती है।
ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र स्थापना समय सुबह होता है। लेकिन यदि इस दौरान चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग आ जाता है तो वह शुभ नहीं रहता है।
जयपुर। शारदीय नवरात्र में तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण इस बार नौ की बजाय आठ नवरात्र होंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि नवरात्र का घटना शुभ संकेत नहीं है। तिथि के क्षय के कारण देश और राज्य में विवाद, अर्थ का संकट व अनेक प्रकार के उपद्रव होने की आशंका है। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर 28 सितम्बर से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे।
ज्योतिषियों का कहना है कि 28 सितम्बर को नवरात्र शुभारम्भ पर घट स्थापना का सर्वश्रेष समय सुबह 6.22 बजे 7.50 बजे तक रहेगा। इसके अलावा सूर्योदय से 9.20 बजे तक लाभ और अमृत चौघडिए तथा सुबह 10.49 से दोपहर 12 बजे तक शुभ के चौघडिए में भी घट स्थापना की जा सकती है।
ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्र स्थापना समय सुबह होता है। लेकिन यदि इस दौरान चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग आ जाता है तो वह शुभ नहीं रहता है।
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