गोपालगढ़, 24 सितम्बर। राष्ट्रीय स्तर पर उछल चुके गोपालगढ़ मामले में आज एक नाटकीय मोड़ तब आया जब अचानक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह आठ बजे दल-बल सहित यहां आ पहुंचे। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम इतना गोपनीय और औचक था कि स्थानीय प्रशासन को भी इसकी सूचना तड़के 3 बजे बाद दी गई। मुख्यमंत्री ने वहां पहुंचकर गलियों में घूमते हुए घर-घर जाकर लोगों से बातचीत की और बाजार खोलने की बात कहते हुए सौहाद्र्र कायम करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने दोनों पक्षों के घरों में जाकर व्यक्तिगत रूप से सभी से बात करते हुए इस प्रकार की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अब आगे की सोचकर कस्बे में शांति बहाल करने की कोशिश होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के दौरे से यहां के निवासियों की एक मांग पूरी हो गई है जिसमें उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री को यहां आकर हालात का जायजा लेने की बात कहते हुए शांति बहाली के लिए इसे पहली शर्त बताया था। अब तक लगभग सभी मांगें मनवा चुके स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष कुछ और मांगें रखते हुए मामले को कुछ पेचीदा बना दिया। अब स्थानीय लोगों की मांग है कि मृतकों का मुआवजा बढ़ाकर 25-25 लाख रुपए किया जाए। साथ ही, स्मारक के लिए 40 लाख रुपए जारी करने की भी मांग की गई। उल्लेखनीय है कि भाजपा के आरोप और कांग्रेस की ओर से भेजे गए दल की जांच में प्रशासन की विफलता सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस औचक दौरे का फैसला किया बताया। मृतकों के परिजन और स्थानीय लोग लगातार मांग कर रहे थे कि वे तब तक शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे जब तक मुख्यमंत्री गोपालगढ़ नहीं आते हैं। 14 सितम्बर को हुई फायरिंग के बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गोपालगढ़ पहुचे हैं। अभी दो शवों का पोस्टमार्टम होना बाकी है।
गोपालगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री ने फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर समूचे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बातचीत के दौरान स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसके लिए जांच आयोग बना दिया गया है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी वर्गों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
आज सुबह मुख्यमंत्री के गोपालगढ़ पहुंचाने की सूचना मिलते ही भरतपुर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित आला अफसर दंगा प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने गोपालगढ़ के बाजार का दौरा किया। उनके साथ विधायक जाहिदा भी मौजूद थीं। उन्होंने अधिकारियों से ताजा स्थितियों की जानकारी ली और शांति बहाल करने पर जोर दिया।
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