सेसावा गांव के ग्रामीण अभी है पानी से घिरे, घरों में भरा चार से पांच फीट पानी, फसलें हुई चौपट, अभी तक कस्बे में नहीं पहुंची सहायता
. डूंगरी क्षेत्र के सेसावा गांव के ग्रामीणों के लिए नेहड़ क्षेत्र का ओवर फ्लो और बारिश के पानी ने समस्या खड़ी कर दी है। नर्मदा का ओवरफ्लो पानी ग्रामीणों के घरों में करीब चार से पांच फीट तक भर चुका है। घर के चारों ओर पानी भरा होने से ग्रामीण आसमान तले जीवन जीने को मजबूर हो गए है। कस्बे के ग्रामीण करीब पंद्रह दिन से स्वयं के बूते ही जीवन जी रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पंद्रह दिन से हमारे घर पानी में डूबे हुए हैं। घरों में राशन का सामान व अन्य वस्तुएं पानी में डूब चुकी हैं। प्रशासन की ओर से न तो इस ओर ध्यान दिया जा रहा है और न ही कोई सुध लेने पहुंचा है। हालांकि प्रशासन ने नेहड़ में राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन सेसावा क्षेत्र में अभी सहायता नहीं पहुंच पाई है।
डूंगरी. निकटवर्ती सेसावा गांव में खुले में रह रहे लोग।
नहर का पानी कस्बे में फैल जाने से खेतों में खड़ी फसलें भी चौपट हो चुकी हैं। खेतों में करीब चार से पांच फीट पानी जमा हो गया है। कुछ समय पूर्व किसानों ने मेहनत तक खरीफ की बुवाई की थी। कस्बे के बस स्टैंड से लेकर माणकी गांव तक के खेतों में जमा हैं। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। गांव में बारिश का पानी जमा होने से प्रशासन के दावे झूठे साबित हो रहे है। एक तरफ प्रशासन अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का दावा करता है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन अभी तक कुछ गांवों में ही लोगों की मदद कर पाया है। नेहड़ क्षेत्र के अधिकतर गावों में आज भी पानी से घिरे हुए है। क्षेत्र के कई गांवों के मार्ग पूर्णत: बंद हैं।
. डूंगरी क्षेत्र के सेसावा गांव के ग्रामीणों के लिए नेहड़ क्षेत्र का ओवर फ्लो और बारिश के पानी ने समस्या खड़ी कर दी है। नर्मदा का ओवरफ्लो पानी ग्रामीणों के घरों में करीब चार से पांच फीट तक भर चुका है। घर के चारों ओर पानी भरा होने से ग्रामीण आसमान तले जीवन जीने को मजबूर हो गए है। कस्बे के ग्रामीण करीब पंद्रह दिन से स्वयं के बूते ही जीवन जी रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पंद्रह दिन से हमारे घर पानी में डूबे हुए हैं। घरों में राशन का सामान व अन्य वस्तुएं पानी में डूब चुकी हैं। प्रशासन की ओर से न तो इस ओर ध्यान दिया जा रहा है और न ही कोई सुध लेने पहुंचा है। हालांकि प्रशासन ने नेहड़ में राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन सेसावा क्षेत्र में अभी सहायता नहीं पहुंच पाई है।
डूंगरी. निकटवर्ती सेसावा गांव में खुले में रह रहे लोग।
नहर का पानी कस्बे में फैल जाने से खेतों में खड़ी फसलें भी चौपट हो चुकी हैं। खेतों में करीब चार से पांच फीट पानी जमा हो गया है। कुछ समय पूर्व किसानों ने मेहनत तक खरीफ की बुवाई की थी। कस्बे के बस स्टैंड से लेकर माणकी गांव तक के खेतों में जमा हैं। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान हुआ है। गांव में बारिश का पानी जमा होने से प्रशासन के दावे झूठे साबित हो रहे है। एक तरफ प्रशासन अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का दावा करता है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन अभी तक कुछ गांवों में ही लोगों की मदद कर पाया है। नेहड़ क्षेत्र के अधिकतर गावों में आज भी पानी से घिरे हुए है। क्षेत्र के कई गांवों के मार्ग पूर्णत: बंद हैं।
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