भीलवाड़ा में एक छोटी गलती से चार की मौत
भीलवाड़ा। एक मामूली गलती ने एक ही परिवार के चार लोगों की जान ले ली। गृह-स्वामी और उसके तीन बच्चों की मौत होने के बाद बच्चों की मां पर भी मौत मंडरा रही है। उसे भी अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना भीलवाड़ा के बिगोदा थाना क्षेत्र की है।
चाय पत्ती की जगह डाला कीटनाशक
बिगोदा के चालिया गांव में रहने वाला 50 वष्ाीüय भोजा बलाई पत्नी मन्नी देवी, बेटे श्ौतान, कैलाश और लोकेश के साथ घर के पास ही स्थित खेत पर काम करने आया था। घर से आते समय एक थ्ौले में चाय पत्ती, और चीनी का डिब्बा भी रखा था। थ्ौले में ही एक डिब्बे में कीटनाशक भी रखा था। सवेरे करीब आठ बजे भोजा की पत्नी मन्नी ने खेत में ही चाय बनाने की तैयारी की। चाय में चाय पत्ती की जगह मन्नी ने कीटनाशक डाल दिया। एक-एक कर परिवार के तमाम सदस्यों ने चाय पी। चाय पीने के तुरंत बाद सबसे छोटा बेटा लोकेश अचेत होकर गिर गया।
उसे उठाने के लिए दौड़ भोजा और उसका दूसरा नंबर का बेटा कैलाश भी गिर गया और अचेत हो गया। तुरंत बाद ही पीछे बैठी मन्नी देवी और श्ौतान भी अचेत हो गया। किसी ने इस बारे में गांव के सरपंच राजकुमार पारीक को सूचना दी। राजकुमार ने पांचों को एक टैंपू में रखा। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही भोजा और उसके तीनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। मन्नी देवी को अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भीलवाड़ा। एक मामूली गलती ने एक ही परिवार के चार लोगों की जान ले ली। गृह-स्वामी और उसके तीन बच्चों की मौत होने के बाद बच्चों की मां पर भी मौत मंडरा रही है। उसे भी अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना भीलवाड़ा के बिगोदा थाना क्षेत्र की है।
चाय पत्ती की जगह डाला कीटनाशक
बिगोदा के चालिया गांव में रहने वाला 50 वष्ाीüय भोजा बलाई पत्नी मन्नी देवी, बेटे श्ौतान, कैलाश और लोकेश के साथ घर के पास ही स्थित खेत पर काम करने आया था। घर से आते समय एक थ्ौले में चाय पत्ती, और चीनी का डिब्बा भी रखा था। थ्ौले में ही एक डिब्बे में कीटनाशक भी रखा था। सवेरे करीब आठ बजे भोजा की पत्नी मन्नी ने खेत में ही चाय बनाने की तैयारी की। चाय में चाय पत्ती की जगह मन्नी ने कीटनाशक डाल दिया। एक-एक कर परिवार के तमाम सदस्यों ने चाय पी। चाय पीने के तुरंत बाद सबसे छोटा बेटा लोकेश अचेत होकर गिर गया।
उसे उठाने के लिए दौड़ भोजा और उसका दूसरा नंबर का बेटा कैलाश भी गिर गया और अचेत हो गया। तुरंत बाद ही पीछे बैठी मन्नी देवी और श्ौतान भी अचेत हो गया। किसी ने इस बारे में गांव के सरपंच राजकुमार पारीक को सूचना दी। राजकुमार ने पांचों को एक टैंपू में रखा। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही भोजा और उसके तीनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। मन्नी देवी को अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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