इस्लामाबाद. पाकिस्तानी सेना ने हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई का अमेरिका का हुक्म मानने से साफ इनकार कर दिया है। इन खबरों के बीच कि अमेरिका वजीरिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप की तैयारी कर रहा है, पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना को रेड अलर्ट कर दिया है।
पाकिस्तान की सेना ने सीनियर अमेरिकी अधिकारियों के बयान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यदि कोई भी उनके देश की संप्रभुता पर हमले की कोशिश करेगा तो उसे करारा जवाब दिए जाएगा। पाकिस्तानी सेना ने अमेरिका के उन आरोपों को भी सिरे से नकार दिया जिसमें कहा गया है कि आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से रिश्ते हैं। एक पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक पाकिस्तान की सेना हक्कानी गुट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
इस बीच, पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के वजूद के लिए अमेरिका को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि हक्कानी नेटवर्क के विस्तार के लिए अमेरिका को खुद जिम्मेदार मानना चाहिए। मलिक का कहना है कि अफगानिस्तान में सोवियत सेनाओं की मौजूदगी के दौरान सीआईए ने तालिबान के एक धड़े को तैयार किया था और उसे प्रशिक्षण भी दिया था। मलिक ने कहा, 'हक्कानी नेटवर्क को सीआईए ने बनाकर ट्रेनिंग दी थी। यह ग्रुप (हक्कानी नेटवर्क) पाकिस्तान में नहीं बना था और अब अमेरिका को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जो 20 साल पहले हुई थीं।'
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी ने अपने सभी प्रमुख कमांडरों के साथ रविवार को बैठक कर देश के सुरक्षा हालात पर चर्चा की। कयानी की यह विशेष बैठक अमेरिका के आरोपों के मद्देनजर हुई है। इस बैठक में हक्कानी नेटवर्क से आईएसआई के रिश्ते संबंधी अमेरिकी आरोपों की कड़े शब्दों में निंदा की गई।
इस बैठक में पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर सुरक्षा के हालात और सेना की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। बैठक में अफगानी आतंकियों की सीमा पार से हो रही घुसपैठ पर चिंता जताई गई। ‘द नेशन’ के मुताबिक सैन्य अधिकारियों ने हालांकि इस बैठक का पूरा ब्यौरा नहीं दिया लेकिन इतना जरूर बताया कि देश के मौजूदा सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सेना ने अमेरिकी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और इन आरोपों पर गहरी चिंता जताई।
पाकिस्तान पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच चीन के उप प्रधानमंत्री मेंग जियानजू सोमवार को इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक चीनी उप प्रधानमंत्री के साथ क्षेत्र में सुरक्षा के ताजा हालात पर चर्चा होगी।
हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने चीनी उपप्रधानमंत्री की इस यात्रा को ज्यादा तवज्जो नहीं दिए जाने की सलाह दी। उनका दावा है कि यह यात्रा पहले से ही तय थी और यह चीन-पाकिस्तान की दोस्ती की 60वीं सालगिरह के मौके पर हो रही है।
लेकिन विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस यात्रा को पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत करार देते हुए कहा, ‘चीनी नेता की यात्रा का सांकेतिक महत्व है। साथ ही साथ इससे ठोस नतीजे भी निकल सकते हैं। इस यात्रा से समूचे अटलांटिक क्षेत्र में निश्चित तौर पर एक संदेश जाएगा।’
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार आरोप लगा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, जो सीधे तौर पर सेना की कमांड में काम करती है, हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर अमेरिकी ठिकाने पर हमले करवा रही है। पाकिस्तान इन आरोपों को लगातार नकार रहा है। पिछले दिनों काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुए आतंकी हमलों में भी हक्कानी गुट का हाथ बताया जा रहा है। इस बीच रविवार की रात काबुल में ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे परिसर में गोलीबारी की खबर है। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने बताया कि एरियाना होटल के परिसर में रात सवा नौ बजे के करीब कुछ मिनटों तक गोलीबारी सुनाई दी।
हाल ही में अमेरिका के ठिकानों पर हक्कानी नेटवर्क के हमले बढ़े हैं। अमेरिका इन हमलों के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।
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