बुधवार, 14 सितंबर 2011

सरहदी गांवों में बाढ़ जैसे हालात

सरहदी गांवों में बाढ़ जैसे हालात

कई गांव व ढाणियां पानी से घिरीं, खरीफ की फसलें बर्बाद

उपखंड क्षेत्र के सरहदी गांवों में बारिश बैरन बन गई हैं। लगातार रुक रुककर हो रही बारिश से करीब पांच सौ से अधिक कच्चे मकान पूर्ण या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई गांव व ढाणियां पानी से घिरी हैं। संपर्क सड़कें पानी के बहाव से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। खरीफ फसलें पचास फीसदी से अधिक तबाह हो गई हैं। प्रशासनिक स्तर पर आपदा राहत के तौर पर तिरपाल व खाद्य सामग्री ही उपलब्ध करवाई जा रही है। अभी तक तत्काल राहत के इंतजाम नहीं किए गए हैं। सरहदी गांवों के लोग अब रब से बारिश नहीं करने की दुआएं कर रहे हैं।

उपखंड क्षेत्र के झणकली, जुडिय़ा, बीसू, बलाई, सुंदरा, रोहिड़ी, बंधड़ा, नोहडिय़ाला, बीकू सी, गडरा, पूंजराज का पार, शहदाद का पार, देताणी, खुडाणी समेत आस पास के करीब दो दर्जन से अधिक गांव व ढाणियां अतिवृष्टि की चपेट में आ गए हैं। जहां पर लगातार बारिश से आशियाने धराशायी हो गए हैं। वहीं खरीफ फसलें प्रभावित होने से किसान चिंतित हैं।

किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरा : उपखंड क्षेत्र के सरहदी गांवों में मानसून की देरी के चलते बीस दिन पहले ही बारिश हुई थी। इसके बाद किसानों ने बाजरा, ग्वार, मूंग मोठ की फसलें बोई। किसानों को अच्छे जमाने की उम्मीद थी। मगर बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

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