रविवार, 4 सितंबर 2011

जैसलमेर , आज की ताजा खबर. बहिन ने भाई को किडनी देकर कायम की मिसाल


बहिन ने भाई को किडनी देकर कायम की मिसाल

 जैसलमेर आज के इस युग में जहां एक तरफ रिश्तों में दूरियां बढ़ रही है। वहीं इसके उलट एक बहिन ने त्याग का परिचय देते हुए अपने भाई को किडनी देकर उसकी जिंदगी बचा एक मिशाल पेश की। जैसलमेर के गांव सांकड़ा की रहने वाली गीताकंवर पत्नी स्व. गंभीरसिंह ने 55 वर्ष की उम्र में भाई को किडनी देकर उसकी जान बचाई है। भाई के प्रति बहिन के त्याग की पूरे गांव में चर्चा है।

गीता कंवर अपने भाई प्रयागसिंह से मिलने जब उसके गांव छिंदगांव मौजी जिला सीरोह मध्यप्रदेश गई तब उसे पता चला कि प्रयागसिंह की दोनों किडनी खराब हो चुकी है। अगर शीघ्र ही उसे किडनी नहीं मिलती है तो उसकी जान भी जा सकती है। ऐसी स्थिति में गीताकंवर ने हिम्मत दिखाते हुए भाई को किडनी देने का प्रण किया।


जब गीता कंवर ने अपना प्रस्ताव भाई एवं परिवार के समक्ष रखा तो सभी आश्चर्य चकित रह गए। भाई के प्रति बहिन का प्रेम देखकर सभी की आंखों से आंसू छलक आए। गीता कंवर के फैसलें का सम्मान करते हुए ऑपरेशन की तैयारी की। चिकित्सकों द्वारा दोनों की जांच की गई तथा अन्य आवश्यक जांच भी सही पाई गई। जिसके पश्चात मुंबई के जसलोक अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया। वर्तमान में प्रयागसिंह व गीताकंवर दोनों पूर्णतया स्वस्थ है। साथ ही गीता के त्याग से आज दो परिवारों को संबल मिला है। गीता ने अपने परिवार के साथ ही भाई के परिवार को भी नई खुशियां दी है। प्रयागसिंह भाटी का जन्म जैसलमेर के मोकला गांव में हुआ है वहीं छिंदगांव मध्यप्रदेश में व्यवसाय करते है।

बरसाती नदी के बहाव में फंसे चार लोगों ने मौत को नजदीक से देखा

जैसलमेर बरसाती नदी के बहाव में फंसे चार लोगों ने मौत को नजदीक से देखा। एक घंटे से अधिक समय तक बहाव में फंसे लोग चिल्लाते रहे लेकिन आसपास कोई नहीं था। शुक्रवार की रात में साढ़े नौ बजे अंधेरे में उन्होंने जीने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। इतने में इस रोड पर गश्त कर रहे मोहनगढ़ थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने जब यह दृश्य देखा तो तत्काल मदद के लिए कूद पडे। इस दौरान वहां से गुजर रहे सीआईडी के विजयपाल ढाका भी वहां पहुंच गए । नदी के बहाव में फंसी एक कार व एक मोटरसाइकिल को निकालने के लिए इन्होंने प्रयास शुरू किए। ग्रामीण किशनसिंह बोहा, मूलसिंह बडोड़ा गांव, विक्रमसिंह आसकंद्रा, राकेश चौधरी, कृष्ण नेहरा के सहयोग से इन्होंने दो घंटे की मशक्कत के बाद चारों लोगों को पानी से बाहर निकाल लिया। थानाधिकारी डोटासरा ने बताया कि ब्रहमसर-देवा रोड पर लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब वे नदी के पास पहुंचे तो एक कार में मांगीलाल माली अपनी पुत्री के साथ फंसे हुए थे। इस जगह कुछ दूरी पर एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक भी पानी के बहाव में बह चुके थे। इन्होंने एक पेड़ को पकड़ रखा था। उन्होंने बताया कि विजयपाल ढाका व अन्य लोगों के सहयोग से तत्काल राहत कार्य शुरू किया। ईंट भट्ठा संचालक अर्जुन ढाका को सूचित कर जेसीबी, ट्रक व रस्सा मंगवाया गया। ट्रक को बीचों बीच खड़ा करके पानी के बहाव को रोका गया और उसके बाद रस्सी के सहारे एक एक करके सभी को बाहर निकाल लिया गया।

अचानक आया बहाव: पानी के बहाव में फंसे मांगीलाल के अनुसार सड़क पर थोड़ा बहुत पानी चल रहा था। कार के आगे चल रही मोटरसाइकिल को देखकर वह भी आगे चलते रहे। पानी के बीच पहुंचते ही एकाएक बहाव आया और मोटरसाइकिल पर सवार दोनों युवक पानी में बह गए, साथ ही कार भी पानी के बीच फंस गई। देखते ही देखते पानी का स्तर चार फीट तक बढ़ गया और बहाव इतना तेज था कि बचना मुश्किल लग रहा था। उसने बताया कि मोहनगढ़ थानाधिकारी गौतम डोटासरा, सीआईडी बीआई के विजयपाल ढाका व किशनसिंह बोहा ने हमें बचा लिया।

कुलधरा रोड पर 100 से अधिक सैलानियों को बरसाती नदी ने रोका : शुक्रवार की रात में सम से लौट रहे 100 से अधिक सैलानी कुलधरा रोड पर बरसाती नदी के कारण फंसे रहे। सैलानी अशोक अग्रवाल व चित्रा अग्रवाल ने बताया कि सड़क पर बरसाती नदी चल रही थी। तेज बहाव के साथ साथ चार फीट तक पानी चल रहा था। 9 बजे से लेकर 1 बजे तक हम वहीं फंसे रहे। सैलानियों के दर्जनों वाहन वहां रुके रहे। एक बजे के बाद पानी कम हुआ और हम निकल पाए।


रामदेवरा में बिछड़े तीन बच्चे ओढाणिया पहुंचे

ओढाणियां. बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन के बाद अपने परिजनों से बिछड़े तीन बालक बालिका ओढाणिया रेलवे स्टेशन पर उतरे। ग्रामीणों द्वारा पूछताछ करने पर इन बालकों ने अपने आप को रामसरण का निवासी बातते हुए अपने माता- पिता से बिछड़ जाने की बात सुनाई। ग्रामीण गोपदान रतनू ने बच्चों को अपने घर ले जाकर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने अपना नाम दशरथ पुत्र अमृतलाल (9), सुरूखा पुत्री अमृतलाल (7) तथा ईश्वर पुत्र हेसियों (6) बताया। बच्चों से पूछताछ के बाद ग्रामीण गोपदान रतनू ने उन्हें अपने घर पर रखा है। उनके परिजनों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

बारिश के कारण पोकरण का नमक उद्योग भी काफी प्रभावित 

पोकरण पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में चले बारिश के दौर ने जहां आमजन को काफी परेशान किया वहीं बारिश के कारण पोकरण का नमक उद्योग भी काफी प्रभावित हो रहा है। पोकरण रिण में भारी मात्रा में पानी भर जाने के कारण नमक उद्योग नौ माह पीछे हो गया है। वहीं इकाइयों में पानी भर जाने के कारण जमा नमक भी पानी में बह गया है। जिसके चलते इकाई मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पोकरण शहर से पांच किलोमीटर दूर स्थित रिण में 40 नमक की इकाइयां है जिनमें से 20 इकाइयां हाल ही में शुरू है। पिछले कुछ दिनों पूर्व हुई बारिश के कारण रिण में भारी मात्रा में पानी की आवक हुई। बरसाती पानी के कारण इकाइयों में बनी नमक की क्यारियां भी टूट गई है तथा सभी इकाइयों में पानी भर गया है। जिसके चलते इकाइयों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। नमक इकाई मालिकों ने बताया कि बारिश के कारण रिण में भारी मात्रा में पानी आ गया है। जिसके चलते क्यारियां टूट गई है तथा क्यारियों में रखी नमक की ढेरियां भी पानी में बह गई।
संपर्क सड़क भी क्षतिग्रस्त
पोकरण से रिण को जोडऩे वाली संपर्क सड़क भी इन दिनों बारिश की भेंट चढ़ गई है। बारिश के कारण रिण में बढ़े पानी के आवक के कारण संपर्क सड़क पानी में बह गई है। जिसके चलते इकाइयों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।

बारिश से पोकरण रिण क्षेत्र लबालब

नमक की क्यारियां टूटी, प्रभावित हुआ व्यवसाय

रि ण में पानी की आवक इस बार अत्यधिक हुई है। जिसके कारण इकाई मालिकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पानी के कारण इकाइयों में पानी भर गया है। प्रकृति की इस मार के कारण नमक इकाइयों के प्रति लोगों का रुझान भी कम होता दिखाई दे रहा है। अगर इन इकाइयों को भी केसीसी की तरह रिस्क कवर मिल जाए तो जरुर व्यापारियों को राहत मिल सकेगी।

श्रीगोपाल जोशीअध् यक्ष, नमक इकाई एशोसिएशन



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