पिता को मृत बता नौकरी लेने वाले को सात साल की सज़ा
बाड़मेर बाड़मेर जिले के सिनधरी पंचायत समिति में सात साल पहले अपने अध्यापक पिता को मृत बता कर नौकरी हासिल करने वाले एक अध्यापक को अति जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सात साल की सजा सुनाई हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्याधीश चन्द्र शेखर शर्मा ने सिनधरी के अध्यापक दामोदर चारण को अपने अध्यापक पिता को जीवित होते हुए मृत बता कर मृत आश्रित नौकरी पाने का आरोप सिद्ध पाए जाने पर सात साल की सज़ा सुनाई .दामोदर चारण के पिता लाखदान चारण सिन्धरी पंचायत समिति में अध्यापक थे लाखदान के पुत्र दामोदर चारण ने कूटरचित फर्जी दस्तावेज तयार कर अपने पिता को मृत बता कर मृत आश्रित नौकरी के लिए शिक्षा विभाग में अध्यापक के लिए आवेदन किया शिक्षा विभाग ने वर्ष २००४ में दामोदर को उसके पिता के स्थान पर मृत आश्रित कोटे से नौकरी दे दी बाद में विभाग की जानकारी में आया की दामोदर का पिता ज़िंदा हें तथा उसने षड़यंत्र पूर्वक कुत्रचित दस्तावेज तयार कर फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल की तब विभागीय कार्यवाही अमल में लाकर दामोदर के खिलाफ पुलिस थाना सिनधरी में मामला दर्ज कराया था जिस पर आज सोमवार को अति जिला एवं सत्र न्यायाधीस ने सात साल की सज़ा सुनाई
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