सोमवार, 19 सितंबर 2011

नींबू का रस पीकर मोदी ने तोड़ा उपवास

नींबू का रस पीकर मोदी ने तोड़ा उपवास
मोदी ने तोड़ा उपवास: इमाम ने लगाया बेइज्‍जती का आरोप, शिवसेना-नीतीश ने किया कटाक्ष
अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फलों का रस पीकर सोमवार शाम करीब छह बजे अपना उपवास तोड़ा। मंच पर मौजूद विभिन्न धर्मों के मतावलंबियों ने मोदी को नींबू का रस पिलाकर उपवास तुड़वाया। मोदी ने अपने 62वें जन्मदिवस के अवसर पर 17 सितंबर को उपवास शुरू किया था।

मोदी के बीते तीन दिन चले उपवास को राष्ट्रीय राजनीति में आने की उनकी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही इसे वर्ष 2002 के गोधरा दंगों के बाद से मोदी से दूर हुए मुस्लिम समुदाय को फिर से उनके नजदीक लाने की कोशिश समझी जा रही है।

उपवास के अंतिम दिन भाजपा तथा अन्य सहयोगी पार्टियों के वरिष्ठ नेता, फिल्म एवं टेलीविजन जगत के सितारे और देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग मौजूद थे। इसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे, भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता निर्मला सीतारमन, भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेदी पूनम महाजन और भाजपा नेता प्रकाश मेहता प्रमुख थे। मोदी के उपवास के आखिरी दिन उन्हें पढ़ाने वाले कई शिक्षक भी मौजूद थे।

इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदभावना मिशन के तहत अपने उपवास के अंतिम दिन की शुरूआत सिçक्कम एवं पूर्वी भारत में रविवार देर शाम आए भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि के साथ की। गुजरात विश्वविद्यालय परिसर में उपवास स्थल पर मंच पर सुबह 10 बजे मोदी के पहुंचते ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पुरषोत्तम रूपल ने देश के पूर्वी हिस्सों में भूकंप से प्रभावित हुए लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने मोदी के उपवास के जवाब में ऎसा ही कदम उठाया और पार्टी नेता शंकर सिंह वाघेला तथा अर्जुन मोडवाडिया भी ठीक उसी दिन से उपवास पर बैठे हैं जिस दिन मोदी ने उपवास शुरू किया था। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वाघेला और मोडवाडिया मोदी के उपवास तोड़ने के तीन घंटे बाद उपवास खत्म करेंगे।

सुषमा ने पढ़े तारीफ के कसीदे

इस मौके पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि जनता का प्यार हर तिकड़म को असफल कर देता है। जिसे जनता का प्यार मिलता है उसके आड़े आलोचना नहीं आती। मोदी ने अग्निपरीक्षा पास कर ली है। खुद को मोदी की प्रशंसक बताते हुए स्वराज ने कहा कि अलोचना से विचलित हुए बिना आगे बढ़ना कोई मोदी से सीखे। मोदी के विकास कार्यों की तारीफ के पूल बांधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी हिन्दू या मुसलमान, जात और मजहब देख कर विकास की योजना नहीं बनाते। वे शतप्रतिशत लोगों के लिए योजना बनाते हैं। तभी गुजरात विकास की राह पर चल रहा है। उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों का विपक्ष भी लोहा मानता है।

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