खाकी ने जोड़ा वास्तु से वास्ता
बाड़मेर बालोतरा पुलिस का वास्तुशास्त्र पर यकीन करने लगी है। नए थानाधिकारी ने आते ही वास्तु के अनुरूप अपनी बैठने की कुर्सी सहित कुछ फेर बदल करवाए। इसके बाद दो ब्लाइंड मर्डर का 24 घंटे में खुलासा को पुलिस इस बदलाव का परिणाम मान रही है। ये बदलाव इन दिनों पुलिसकर्मियों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बदलाव के बाद हुए बड़े खुलासे : थानाधिकारी लूण सिंह ने 19 जुलाई को कार्यभार संभाला। वास्तु में उनकी विशेष रुचि है।उन्होंने 21 जुलाई को ही अपने कक्ष में बैठक की व्यवस्था को बदलवाया। इसके बाद 21 अगस्त को जोधपुर से अपहृत बालक की हत्या व 24 अगस्त को जेरला रोड पर हुई युवक की हत्या के मामले में 24 घंटे के भीतर खुलासे को पुलिस इस बदलाव का परिणाम मान रही है।पुलिस का दावा है कि इसके बाद कर्मचारियों में तनाव में कमी आई है जिससे अपराधों पर नियंत्रण हुआ है।
पहले भी किए थे बदलाव : थानेदार लूण सिंह ने पहले की नियुक्ति स्थलों पर भी वास्तु के आधार पर बैठक व्यवस्था में बदलाव किया था। इसके बाद मिली सफलता से वे वास्तु पर यकीन करने लगे। बकौल लूण सिंह वर्ष 2002 में जोधपुर कोतवाली में नियुक्ति के दौरान बहुचर्चित गौरव अपहरण कांड में आरोपियों को दस्तयाब कर प्रकरण सुलझाने में सफलता हासिल की। इसके अलावा दिसंबर 2008 में उदय मंदिर थाने में नियुक्ति के दौरान तंजानियाई नागरिकों से 20 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की। इन दोनों सफलताओं के लिए विभाग की ओर से अवार्ड के संबंध में उनकी फाइल भी भेजी गई। केंद्र सरकार से 60 हजार के नकद इनाम की भी घोषणा की गई।
स्टाफ की दिनचर्या में भी आया बदलाव: थाने की व्यवस्थाओं को वास्तु के आधार पर करने के बाद थाने में कार्यरत कर्मचारियों की दिनचर्या में भी खासा बदलाव आया है। पुलिस का मानना है कि इस बदलाव के बाद रात्रि गश्त में मुस्तैदी आई है। कर्मचारी शाम को भी स्वयं को तरोताजा महसूस कर रहे हैं।
बाड़मेर बालोतरा पुलिस का वास्तुशास्त्र पर यकीन करने लगी है। नए थानाधिकारी ने आते ही वास्तु के अनुरूप अपनी बैठने की कुर्सी सहित कुछ फेर बदल करवाए। इसके बाद दो ब्लाइंड मर्डर का 24 घंटे में खुलासा को पुलिस इस बदलाव का परिणाम मान रही है। ये बदलाव इन दिनों पुलिसकर्मियों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बदलाव के बाद हुए बड़े खुलासे : थानाधिकारी लूण सिंह ने 19 जुलाई को कार्यभार संभाला। वास्तु में उनकी विशेष रुचि है।उन्होंने 21 जुलाई को ही अपने कक्ष में बैठक की व्यवस्था को बदलवाया। इसके बाद 21 अगस्त को जोधपुर से अपहृत बालक की हत्या व 24 अगस्त को जेरला रोड पर हुई युवक की हत्या के मामले में 24 घंटे के भीतर खुलासे को पुलिस इस बदलाव का परिणाम मान रही है।पुलिस का दावा है कि इसके बाद कर्मचारियों में तनाव में कमी आई है जिससे अपराधों पर नियंत्रण हुआ है।
पहले भी किए थे बदलाव : थानेदार लूण सिंह ने पहले की नियुक्ति स्थलों पर भी वास्तु के आधार पर बैठक व्यवस्था में बदलाव किया था। इसके बाद मिली सफलता से वे वास्तु पर यकीन करने लगे। बकौल लूण सिंह वर्ष 2002 में जोधपुर कोतवाली में नियुक्ति के दौरान बहुचर्चित गौरव अपहरण कांड में आरोपियों को दस्तयाब कर प्रकरण सुलझाने में सफलता हासिल की। इसके अलावा दिसंबर 2008 में उदय मंदिर थाने में नियुक्ति के दौरान तंजानियाई नागरिकों से 20 किलोग्राम हेरोइन भी बरामद की। इन दोनों सफलताओं के लिए विभाग की ओर से अवार्ड के संबंध में उनकी फाइल भी भेजी गई। केंद्र सरकार से 60 हजार के नकद इनाम की भी घोषणा की गई।
स्टाफ की दिनचर्या में भी आया बदलाव: थाने की व्यवस्थाओं को वास्तु के आधार पर करने के बाद थाने में कार्यरत कर्मचारियों की दिनचर्या में भी खासा बदलाव आया है। पुलिस का मानना है कि इस बदलाव के बाद रात्रि गश्त में मुस्तैदी आई है। कर्मचारी शाम को भी स्वयं को तरोताजा महसूस कर रहे हैं।
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