जदयू मोदी की दावेदारी के खिलाफ!
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भले ही भाजपा में प्रधानमंत्री पद का तगड़ा उम्मीदवार माना जा रहा हो लेकिन एनडीए का प्रमुख घटक दल जदयू मोदी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जेडीयू नेताओं का मोदी के सद्भावना उपवास में नहीं पहुंचना और जेडीयू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी के बयान से तो ऎसा ही लग रहा है।
तिवारी ने इशारों ही इशारों में मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का विरोध कर दिया है। तिवारी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मोदी ने 2002 में राजधर्म नहीं निभाया था। तिवारी ने कहा कि जो व्यक्ति गुजरात के पांच करोड़ लोगों के साथ न्याय नहीं कर पाया हो वह देश के 125 करोड़ लोगों के साथ क्या न्याय करेगा। तिवारी ने कहा कि गुजरात दंगों के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने भी मोदी के राजधर्म नहीं निभाने की बात कही थी।
तिवारी ने कहा कि अभी भी गुजरात के लोगों में डर और असुरक्षा की भावना है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि उपवास के पहले दिन दिए गए भाषण के दौरान मोदी के तेवर में अंहकार की भावना दिख रही थी। तिवारी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में 2002 में हुए दंगों पर कोई अफसोस नहीं जताया। तिवारी ने मोदी के विकास के दावों की हवा निकालते हुए कहा कि अंग्रेजों के राज के समय ही गुजरात में काफी विकास हो चुका था।
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भले ही भाजपा में प्रधानमंत्री पद का तगड़ा उम्मीदवार माना जा रहा हो लेकिन एनडीए का प्रमुख घटक दल जदयू मोदी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जेडीयू नेताओं का मोदी के सद्भावना उपवास में नहीं पहुंचना और जेडीयू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी के बयान से तो ऎसा ही लग रहा है।
तिवारी ने इशारों ही इशारों में मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का विरोध कर दिया है। तिवारी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मोदी ने 2002 में राजधर्म नहीं निभाया था। तिवारी ने कहा कि जो व्यक्ति गुजरात के पांच करोड़ लोगों के साथ न्याय नहीं कर पाया हो वह देश के 125 करोड़ लोगों के साथ क्या न्याय करेगा। तिवारी ने कहा कि गुजरात दंगों के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने भी मोदी के राजधर्म नहीं निभाने की बात कही थी।
तिवारी ने कहा कि अभी भी गुजरात के लोगों में डर और असुरक्षा की भावना है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि उपवास के पहले दिन दिए गए भाषण के दौरान मोदी के तेवर में अंहकार की भावना दिख रही थी। तिवारी ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में 2002 में हुए दंगों पर कोई अफसोस नहीं जताया। तिवारी ने मोदी के विकास के दावों की हवा निकालते हुए कहा कि अंग्रेजों के राज के समय ही गुजरात में काफी विकास हो चुका था।
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