गुरुवार, 29 सितंबर 2011

निजी स्कूलों में होगी राजस्थानी भाषा की पढ़ाई

राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए आंदोलन तेज

हनुमानगढ़. जिले के प्राइवेट स्कूलों में राजस्थानी भाषा की पढ़ाई होगी। हनुमानगढ़ स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ जिलाध्यक्ष बाबूलाल जुनेजा की इस घोषणा से राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के प्रयास को बल मिला है। संघ ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए जारी 'म्हारी जुबान रो खोलो ताळोÓ अभियान को खुला समर्थन दिया है। इसके तहत अगले सत्र से राजस्थानी विषय शुरू करने के लिए शिक्षा विभाग से मान्यता के लिए आवेदन किए जाएंगे। एसजीएन खालसा कालेज प्रबंधन ने भी अगले सत्र से राजस्थानी भाषा विषय शुरू करने का निर्णय किया है।
भाषा के लिए खून से लिखे खत: राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए प्राध्यापक विनोद स्वामी ने खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री को भेजा है। स्वामी ने कहा कि 16 करोड़ लोगों की भाषा होने के बावजूद राजस्थानी को वजूद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।



विधायक भी आईं समर्थन में: संगरिया विधायक डॉ. परम नवदीप ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी को मान्यता दिलाने के लिए गहलोत सरकार तत्पर है। पहले भी प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। फिर से भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जाएंगे।



इन संगठनों ने दिया समर्थन: व्यापार संघ, व्यापार मंडल, नव जीवन नशा मुक्ति केंद्र, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, पेंशनर समाज, अध्यापक विचार मंच, चिंतन परिषद, समाज सुधार संघ, मरुधरा साहित्य परिषद, क्रांतिकारी मजदूर संघ व राजस्थान लोक सेवा संस्थान आदि।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें