गुरुवार, 29 सितंबर 2011

"आंसू आते हैं, सीएम इस्तीफा दें"

"आंसू आते हैं, सीएम इस्तीफा दें"

पहाड़ी (भरतपुर)। गोपालगढ़ प्रकरण में बुधवार को प्रतिपक्ष की नेता वसुन्धरा राजे ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद कहा कि हालात को देखकर और सुनकर दर्द से आंसू आते है। उन्होंंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद करार देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग की है। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की घोर लापरवाही के कारण इतनी बड़ी घटना हुई। कांग्रेस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देने में जुटी है।

जहां दस व्यक्तियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हो, वहां मुख्यमंत्री को पहुंचने में 11 दिन लग जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेेस किस तरह राज्य में शासन कर रही है। सरकार को एक मिनट भी कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी गलतियों को छुपाने के लिए सरकार का भाजपा को बेवजह जिम्मेदार ठहराना दु:खद घटना पर घृणित राजनीति करना है।

अलग बयानों पर कटाक्ष
राजे ने कांग्रेस नेताओं व सरकार के अलग अलग बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें सामंजस्य नहीं है। गृहमंत्री तो गांवों में पिटकर नहीं, पीटकर आने की सलाह देते है। जिम्मेदार लोगों की ऎसी बयानबाजी ठीक नहीं है। सरकार घटना के इतने दिन बाद भी लोगों के जहन से भय के साए को बाहर निकालकर सुरक्षा का भरोसा नहीं जमा सकी है और लोग अपने घरों से पलायन करके जा रहे है।

दोनों पक्षों की बात सुनी
इससे पूर्व राजे एक धार्मिक स्थल पर पहुंची, और मौलवी अरशद से घटना की जानकारी ली। मील मदरसे पर करीब 15 मिनट ठहरने के बाद राजे गोपालगढ़ कस्बे के हिंसा प्रभावित एक भवन पर पहुंची, जहां उन्होंने भवन का अंदर एवं उसके ऊपर चढ़कर देखा। राजे को एक वर्ग विशेष के लोगों ने पूरा घटनाक्रम बताया। राजे दूसरे पक्ष को सुनने रामलीला चौक में पहुंची, जहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ उन्हें सुनने के लिए जमा थी। राजे ने दोनों पक्षो से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि मेवात की भाईचारे की पुरानी पहचान को बनाए रखना अति आवश्यक है।

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