रविवार, 18 सितंबर 2011

दीवारों से देवालय तक पहुंचा जैसलमेरी पत्थर

दीवारों से देवालय तक पहुंचा जैसलमेरी पत्थर

जैसलमेरी पीले पत्थर से बनी मूर्तियों का के्रज बढ़ा

जैसलमेर जैसलमेरी पीले पत्थर का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां अब तक मकान निर्माण व इंटीरियर डेकोरेशन में जैसलमेर पत्थर का उपयोग सामने आया था वहीं अब जैसलमेरी पत्थर से मूर्तियों को भी आकार दिया जाने लगा है। मंदिरों व अन्य स्थानों पर लगने वाली मूर्ति या प्रतिमा के लिए संगमरमर व अन्य मार्बल पत्थर का उपयोग होता था वहीं अब जैसलमेर के पीले पत्थरों को मूर्त रूप दिया जाने लगा है। जैसलमेर पत्थर पर बेहतरीन नक्काशी तो होती आ रही है और अब उन्हें मूर्तियों के रूप में ढाला जाने लगा है। रीको कॉलोनी में शिल्पी यहां के पत्थर से मूर्तियां बनाने में व्यस्त है। उनके अनुसार जहां अन्य पत्थरों को मूर्त रूप देने में काफी समय लगता वहीं जैसलमेरी पीले पत्थर को कम समय में मूर्ति का रूप दिया जा सकता है। जिले के अलावा बाहरी क्षेत्रों से भी जैसलमेरी पीले पत्थर से बनी मूर्तियों की डिमांड आने लगी है। लोग आर्डर देकर मूर्तियां बनवा रहे हैं। वहीं चौराहों पर लगने वाली प्रतिमाएं भी जैसलमेरी पत्थर से बनने लगी है। मूर्तियों के अलावा कई छोटे-मोटे गिफ्ट आइटम भी इन पत्थरों से बनवाए जा रहे हैं। मुख्य रूप से देश के विभिन्न राज्यों में इसकी डिमांड ज्यादा है। बड़े शहरों में यहां के पत्थर से बनी अद्भुत कृतियों को खूब सराहा जा रहा है।

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