बाड़मेर.जिले से सटी भारत पाक सीमा पर बीते चार दिनों से बिजली के जले ट्रांसफार्मर के चलते अंधेरा पसरा है। सीमा सुरक्षा बल रात में उजाले के लिए जेनसेट्स का सहारा ले रही है।
ऐसे में बीएसएफ के लिए जेनसेट्स चलाना भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि डीजल को लेकर बीपीसीएल और बीएसएफ के बीच होने वाला करार किन्हीं कारणों से अटका हुआ है।
सरकारी चाल से चल रहा काम
सीमा पर बिजली गुल होने को लेकर बीएसएफ के अधिकारी चार दिनों से जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के जिम्मेदारों से संपर्क साधे हुए हैं लेकिन आज तक कोई प्रभावी कार्रवाई इस संबंध में नहीं हुई।
डिस्कॉम के जेईएन एनएस खिंची ने बताया कि नए ट्रांसफार्मर की डिमांड भेज रखी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही नया ट्रांसफार्मर मिल जाएगा। वहीं सूत्र बताते है कि अव्वल तो ऐसा होगा नहीं और यदि हो गया तो उसे वहां स्थापित करने में संसाधनों की कमी के चलते अभी और वक्त लग जाएगा। काम करने की यही सरकारी चाल सीमा प्रहरियों के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है।
डीजल का टोटा
जानकारों ने बताया कि बिजली गुल होने की सूरत में बीएसएफ बॉर्डर पोस्ट पर मौजूद जेनसेट्स से काम चला रही है। सरहद के सौ किमी एरिया में जिनमें करीब आठ सौ बिजली के पोल है, वहां बीती चार रातों से बिजली नहीं जल रही है।
अब सीमा पर डीजल का मिला कोटा खत्म होने के कगार पर है। बीएसएफ का अब नए करार को लेकर जहां आईओसी से करार हाल ही में हो चुका है वहीं बीपीसीएल से होने वाला करार अटका हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में डीजल का संकट गहरा सकता है।
कमी नहीं आने दी जाएगी
आईओसी को हमने डिमांड दे दी है और सप्लाई हो रही है। बॉर्डर पर डीजल की कमी नहीं आने दी जाएगी। जहां तक बीपीसीएल से करार की बात है उसके बारे में मुख्यालय स्तर पर बात चल रही है। डिस्कॉम के पास नये आने वाले ट्रांसफार्मर को बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए संसाधनों की कमी है तो वे हमें बताए, हम उन्हें हर तरह का साधन मुहैया करवाने में हम सक्षम भी है और तैयार भी।
एमएस चौहान,
डीआईजी, बीएसएफ बाड़मेर
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