गुरुवार, 29 सितंबर 2011

चारागाह-सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया तो चुनाव के लिए अयोग्य



जयपुर। पंचायतीराज मंत्री भरतसिंह ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में चारागाह और अन्य सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को चुनाव लडऩे के अयोग्य कर दिया जाना चाहिए। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों की राय से वे सरकार को कानून बनाने के लिए प्रस्ताव भेजेंगे। सिंह के अनुसार ज्यादातर अतिक्रमण प्रभावशाली लोग ही करते हैं। रसूखदार-राजनेताओं की शह के बिना यह संभव नहीं होता।


ओटीएस में शामलात अभियान के राज्य स्तरीय समारोह में सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से आदेश बहुत निकलते हैं, लेकिन असली समस्या उनके प्रभावी होने को लेकर है। ग्रास रूट लेवल पर वे सही रूप में क्रियान्वित नहीं हो पाते और उनमें ढेरों परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। आज बड़ी संख्या में चारागाह और सरकारी जमीन प्रभावशाली लोगों के कब्जे में है। ऐसे स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी पंचायतों की है और उन्हें सशक्त होकर फैसला करना पड़ेगा।


उन्होंने कहा कि कई मामलों में यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण होता है कि अतिक्रमण करने वाला प्रभावशाली होता है साथ में जांच करने वाला भी उस अतिक्रमण में इतना ही भागीदार निकलता है। ऐसे में अतिक्रमण हट पाना संभव नहीं होते। अब विभाग ऐसी योजना बना रहा है कि सभी ग्रामीण क्षेत्रों में चारागाह भूमि, अतिक्रमण करने वाले का नाम सार्वजनिक रूप से बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा।


पंचायतीराज संस्थाएं पुरस्कृत : पंचायती राज मंत्री ने समारोह में एक जिला परिषद को 15 लाख रुपए, 7 पंचायत समितियों को 9-9 लाख रु. तथा 14 ग्राम पंचायतों को 5-5 लाख रु., ÓÓपंचायत सशक्तीकरण एवं प्रोत्साहन योजनाÓÓ के तहत पुरस्कार स्वरूप दिए। जिला परिषद बाड़मेर के अलावा लाडनू (नागौर), नदबई (भरतपुर), किशनगंज (बारां), गिर्वा (उदयपुर), बिलाड़ा (जोधपुर), नोहर (हनुमानगढ़) तथा पंचायत समिति चिड़ावा (झुंझुनूं) को पुरस्कृत किया गया। प्रत्येक संभाग से 2-2 ग्राम पंचायतों को पुरस्कार दिए गए।

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