सोमवार, 12 सितंबर 2011

किस कार्यकर्ता ने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया

कांग्रेस के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक सम्मेलन में रविवार को पूर्व विधायक माहिर आजाद की टिप्पणी से जमकर हंगामा हुआ। माहिर आजाद ने अपने भाषण में कहा- जब चुनाव होते हैं तो बूथ पर बैठने के बदले कार्यकर्ता खाने के पैकेट और लिफाफे लेते हैं। बिना नोटों के लिफाफे के कार्यकर्ता काम नहीं करता। यहां पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता ईमानदारी से बताएं कि किस कार्यकर्ता ने चुनावों में लिफाफा नहीं लिया।

आजाद ने बाकायदा आह्वान किया कि लिफाफे नहीं लेने वाले कार्यकर्ता हाथ उठाएं। कार्यकर्ता हमेशा नेताओं में ही कमियां निकालते हैं, वे अपने दिल पर हाथ रखकर सोचें और कभी खुद की कमियों पर भी चिंतन करें। अब वो जमाना गया जब कार्यकर्ता दरी बिछाते थे और चने- गुड़ खाकर साइकिल पर प्रचार करते थे। आज कार्यकर्ताओं के पास महंगी गाडिय़ां हैं।

माफी मांगनी पड़ी : माहिर आजाद के इतना कहते ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ताओं ने मंच पर चढऩे की कोशिश की। इस पर आजाद समर्थक कुछ कार्यकर्ताओं की अन्य कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई और उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

नारेबाजी और हुड़दंग का सिलसिला करीब 25 मिनट तक चला। सम्मेलन में मौजूद सांसद महेश जोशी और संजय बापना सहित कई नेताओं ने मंच पर आकर कार्यकर्ताओं को शांत रहने की अपील की। महेश जोशी ने मंच पर आकर माहिर आजाद की टिप्पणी पर खेद जताया और माफी मांगी। माहिर आजाद ने भी अपने भाषण में की गई टिप्पणी पर खेद जताया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जयपुर जिला की ओर से पिछली बार हुए सम्मेलन में भी पार्षद गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी से सांसद अश्क अली टाक और महेश जोशी में विवाद हो गया था। इसके बाद ही कार्यकर्ता शांत हुए।

माहिर आजाद

आधा घंटे नारेबाजी, धक्का-मुक्की

रविवार को कांग्रेस के राजनीतिक सम्मेलन में उलझते कार्यकर्ता।

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