उदयपुर में बाढ़ के हालात
बांसवाड़ा/ उदयपुर। प्रदेशभर में रविवार को मेवाड़ समेत कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बजाज सागर बांध के सभी 16 गेट दो-दो मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। माही 2006 के बाद पहली बार लबालब भरा है। इससे 10 दिन से पानी निकाला जा रहा है। इसमें पानी की आवक 5179 क्यूमेक्स की गति से रही। संभाग के उदयसागर झील के गेट शाम छह बजे आठ-आठ फीट व स्वरूपसागर के गेट रात 8 बजे दो-दो फीट खोले गए। रात नौ बजे सीसारमा नदी का जलस्तर 10.5 फीट रिकॉर्ड किया गया।
-प्रतापगढ़ के धरियावद क्षेत्र में 8.5 इंच बारिश, प्रतापगढ़ में 4 व डबोक में 3.5 इंच पानी गिरा। आसपुर (डूंगरपुर) में 260 मिमी। बेणेश्वर धाम मौसम में तीसरी बार टापू बना। सोमकमला अंबा बांध के दो गेट खोले। धरियावद में करमोई, जाखम नदियां उफान पर।
-कोटा में 40.7 मिमी बरसात। बारां में निचली बस्तियों में जलभरा। झालावाड़ में भीमसागर व छापी बांध के गेट खोले।
-पाली व सिरोही जिले में सात बांध ओवरफ्लो। स्वरूपगंज के पास भारजा नदी का पुल बहा।
तीन महिलाओं सहित चार की जान बचाई
उदयपुर कानपुर पंचायत के डेढ़किया गांव की पुलिया से बहे तीन महिलाओं सहित चार जनों को बचा लिया गया। इनमें से तीन को तो क्षेत्रवासियों ने पहले ही बचा लिया था। एक वृद्ध 800 फीट दूर तक बह कर चट्टान में बीच फंस गया था। रस्सी बांधकर उतरे लोगों ने ढाई घंटे के प्रयास के बाद वृद्ध को भी बचा लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेज बरसात व अंधेरा होने से परेशानी हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना में सबसे अंत में वृद्ध श्रमिक खेमा मीणा को रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला जा सका। पानी में बहने से खेमा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इससे पहले गंगाबाई, सवली बाई, जमनाबाई, धर्मा व रूपा मीणा की जान ग्रामीणों ने बचा ली थी।
ऐसे चला घटनाक्रम : डेढ़कियां गांव स्थित पुलिया पर चार फीट तक पानी पूरे वेग से बह रहा था। उमरड़ा से मजदूरी कर श्रमिक लौट रहे थे। पुलिया पार करते समय एक-एक कर गंगाबाई, सवली बाई व जमनाबाई तीनों बहने लगे। इधर, धर्मा, रूपा व खेमा भी बह गए। इस दौरान मौके पर मौजूद कानपुर के पूर्व उप सरपंच मदनलाल डांगी व उसके साथियों ने बहते पानी में कूदकर पहले तीनों महिलाओं को निकाल दिया। इसके बाद कुछ दूर बहने के बाद धर्मा व रूपा भी आगे जाकर निकल गए। इन्हें बाहर निकाल दिया गया।
प्रशासन अमला दौड़ पड़ा : एएसपी सिटी तेजराज सिंह, एसडीएम गिर्वा पुष्पेंद्र सिंह, तहसीलदार महेंद्र मीणा, हिरणमगरी थानाप्रभारी दिनेश सिंह सहित अन्य अधिकारी रोशनी के लिए टॉर्च व रस्सियां लेकर पहुंचे। इस बीच रस्सियों को गाड़ी पर बांध कर गांव के दिनेश, उदयलाल, लक्ष्मीलाल, रामलाल डांगी बहते पानी में उतरे। इस बीच पता चला गया कि खेमा बहते पानी में चट्टान के बीच फंस गया था। हादसे के करीब ढाई घंटे बाद खेमा को निकाल दिया गया।
बोहरा गणेशजी व बैजनाथ मंदिर में घुसा पानी
रविवार देर रात्रि सीसारमा नदी के उफान पर आने से नदी का पानी सीसारमा गांव में स्थित अति प्राचीन बैजनाथ मंदिर में घुस गया। सीसारमा पुलिया को ऊंचा करने के बाद पहली बार नदी में इतना पानी आया है। इधर बोहरा गणेशजी क्षेत्र में निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से पानी मंदिर में घुस गया। क्षेत्रवासियों ने बताया कि मंदिर में पानी घुसने की इतने वर्षों में पहली बार स्थिति बनी है।
बांसवाड़ा/ उदयपुर। प्रदेशभर में रविवार को मेवाड़ समेत कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। उदयपुर संभाग के सबसे बड़े माही बजाज सागर बांध के सभी 16 गेट दो-दो मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। माही 2006 के बाद पहली बार लबालब भरा है। इससे 10 दिन से पानी निकाला जा रहा है। इसमें पानी की आवक 5179 क्यूमेक्स की गति से रही। संभाग के उदयसागर झील के गेट शाम छह बजे आठ-आठ फीट व स्वरूपसागर के गेट रात 8 बजे दो-दो फीट खोले गए। रात नौ बजे सीसारमा नदी का जलस्तर 10.5 फीट रिकॉर्ड किया गया।
-प्रतापगढ़ के धरियावद क्षेत्र में 8.5 इंच बारिश, प्रतापगढ़ में 4 व डबोक में 3.5 इंच पानी गिरा। आसपुर (डूंगरपुर) में 260 मिमी। बेणेश्वर धाम मौसम में तीसरी बार टापू बना। सोमकमला अंबा बांध के दो गेट खोले। धरियावद में करमोई, जाखम नदियां उफान पर।
-कोटा में 40.7 मिमी बरसात। बारां में निचली बस्तियों में जलभरा। झालावाड़ में भीमसागर व छापी बांध के गेट खोले।
-पाली व सिरोही जिले में सात बांध ओवरफ्लो। स्वरूपगंज के पास भारजा नदी का पुल बहा।
तीन महिलाओं सहित चार की जान बचाई
उदयपुर कानपुर पंचायत के डेढ़किया गांव की पुलिया से बहे तीन महिलाओं सहित चार जनों को बचा लिया गया। इनमें से तीन को तो क्षेत्रवासियों ने पहले ही बचा लिया था। एक वृद्ध 800 फीट दूर तक बह कर चट्टान में बीच फंस गया था। रस्सी बांधकर उतरे लोगों ने ढाई घंटे के प्रयास के बाद वृद्ध को भी बचा लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेज बरसात व अंधेरा होने से परेशानी हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना में सबसे अंत में वृद्ध श्रमिक खेमा मीणा को रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला जा सका। पानी में बहने से खेमा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इससे पहले गंगाबाई, सवली बाई, जमनाबाई, धर्मा व रूपा मीणा की जान ग्रामीणों ने बचा ली थी।
ऐसे चला घटनाक्रम : डेढ़कियां गांव स्थित पुलिया पर चार फीट तक पानी पूरे वेग से बह रहा था। उमरड़ा से मजदूरी कर श्रमिक लौट रहे थे। पुलिया पार करते समय एक-एक कर गंगाबाई, सवली बाई व जमनाबाई तीनों बहने लगे। इधर, धर्मा, रूपा व खेमा भी बह गए। इस दौरान मौके पर मौजूद कानपुर के पूर्व उप सरपंच मदनलाल डांगी व उसके साथियों ने बहते पानी में कूदकर पहले तीनों महिलाओं को निकाल दिया। इसके बाद कुछ दूर बहने के बाद धर्मा व रूपा भी आगे जाकर निकल गए। इन्हें बाहर निकाल दिया गया।
प्रशासन अमला दौड़ पड़ा : एएसपी सिटी तेजराज सिंह, एसडीएम गिर्वा पुष्पेंद्र सिंह, तहसीलदार महेंद्र मीणा, हिरणमगरी थानाप्रभारी दिनेश सिंह सहित अन्य अधिकारी रोशनी के लिए टॉर्च व रस्सियां लेकर पहुंचे। इस बीच रस्सियों को गाड़ी पर बांध कर गांव के दिनेश, उदयलाल, लक्ष्मीलाल, रामलाल डांगी बहते पानी में उतरे। इस बीच पता चला गया कि खेमा बहते पानी में चट्टान के बीच फंस गया था। हादसे के करीब ढाई घंटे बाद खेमा को निकाल दिया गया।
बोहरा गणेशजी व बैजनाथ मंदिर में घुसा पानी
रविवार देर रात्रि सीसारमा नदी के उफान पर आने से नदी का पानी सीसारमा गांव में स्थित अति प्राचीन बैजनाथ मंदिर में घुस गया। सीसारमा पुलिया को ऊंचा करने के बाद पहली बार नदी में इतना पानी आया है। इधर बोहरा गणेशजी क्षेत्र में निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से पानी मंदिर में घुस गया। क्षेत्रवासियों ने बताया कि मंदिर में पानी घुसने की इतने वर्षों में पहली बार स्थिति बनी है।
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