दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने सड़क हादसे में अपनी पत्नी की मौत के लिए सुपारी दे दी। उसने इसे ' हिट ऐंड रन ' केस बनाने के लिए एक लाख रुपये में कॉन्ट्रैक्ट दिया। बीवी की मौत हो जाए , यह सुनिश्चित करने के लिए स्कॉर्पियो गाड़ी का इंतजाम किया गया। इसकी टक्कर से उसकी बीवी बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद बच गई। पुलिस ने सिपाही समेत इस साजिश में शामिल सातों मुलजिमों को गिरफ्तार कर लिया है।
25 जुलाई की दोपहर रोहिणी सेक्टर- 6 में मीना अपने बेटे को स्कूल से लेने जा रही थी। सड़क पार करते समय उसे एक स्कॉर्पियो ने जबर्दस्त टक्कर मारी। इससे मीना दूर जा गिरी और स्कॉर्पियो सवार फरार हो गए। मीना को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके सिर , पैरों और पीठ में गहरी चोटें थीं। दो घंटे बाद परेशान हाल नजर आ रहा मीना का पति मंगल सिंह अस्पताल पहुंचा। उसने बेहतर इलाज के लिए मीना को केशवपुरम के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। रोहिणी (नॉर्थ) थाने में रोड ऐक्सिडेंट का केस दर्ज करने की औपचारिकता पूरी हुई। स्कॉर्पियो का सुराग नहीं मिला और आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस इसे हिट ऐंड रन का केस ही मानती रही।
बाइक चोरों से मिला सुराग
सोमवार रात साकेत के एसएचओ राजेंद्र सिंह , इंस्पेक्टर धर्मदेव और कॉन्स्टेबल ललिता आदि पुलिसकर्मियों ने अशोक विहार से चुराई गई बाइक पर सवार अनूप , अमित और सुबोध को गिरफ्तार किया। इन्होंने पूछताछ के दौरान रोहिणी ऐक्सिडेंट के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया कि मीना की हत्या के लिए मंगल सिंह ने उन्हें एक लाख रुपए की सुपारी दी थी। मंगल के अलावा उसका भाई और पिता भी दिल्ली पुलिस में हैं। मंगल और देवनगर निवासी मीना की शादी 1995 में हुई थी। उनकी तीन संतानें हुईं , लेकिन पति-पत्नी में हमेशा झगड़ा होता रहता था। मीना ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया , जिसमें मंगल और उसके परिवार के लोग गिरफ्तार किए गए थे।
बाद में दोनों में समझौता हुआ और दोनों रोहिणी के सेक्टर-6 में साथ रहने लगे , लेकिन मनमुटाव बना रहा। आखिरकार मंगल ने मीना का काम तमाम कराने का फैसला किया। उसने अपने दोस्त ट्रांसपोर्टर रघुबीर चाचा से बात की। साजिश इस तरह से रची गई कि मीना की मौत हत्या नहीं , बल्कि हादसा लगनी चाहिए। रघुबीर ने मंगल को आजादपुर में कार डीलर अनीस से मिलवाया। अनीस के मकैनिकों अनूप , अमित और बिल्लू को ऐक्सिडेंट की सुपारी दी गई। रकम एक लाख तय हुई , जिसमें 25 हजार अडवांस दिए गए।
जबर्दस्त टक्कर मारने के लिए भारी भरकम गाड़ी स्कॉर्पियो को किराए पर लिया गया। मंगल ने पूरे प्लान पर और 25 हजार रुपये खर्च किए। अब स्कॉर्पियो लेकर ये लोग कई बार स्कूल के पास मीना को टक्कर मारने गए , लेकिन सही मौका 25 जुलाई को मिला। उस दिन सैंट्रो कार में मंगल और रघुबीर थे , जबकि तीनों मकैनिक स्कॉर्पियो में थे। मीना को देखकर मंगल ने सिग्नल दिया। मीना को जोरदार टक्कर मारी गई। मंगल को उम्मीद थी कि उसकी मौत हो जाएगी। उसके जिंदा रहने से उसे भारी निराशा हुई , लेकिन नाटक करने वह अस्पताल पहुंच गया।
डीसीपी छाया शर्मा ने बताया कि साकेत पुलिस ने मंगल सिंह (40) , रघुबीर सिंह राठौर निवासी विजय विहार, अनीस , अमित , अनूप , बिल्लू चौधरी और सुबोध को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें रोहिणी पुलिस के सुपुर्द किया जाएगा। दूसरी ओर , मीना अभी तक नर्सिंग होम में भर्ती है।
25 जुलाई की दोपहर रोहिणी सेक्टर- 6 में मीना अपने बेटे को स्कूल से लेने जा रही थी। सड़क पार करते समय उसे एक स्कॉर्पियो ने जबर्दस्त टक्कर मारी। इससे मीना दूर जा गिरी और स्कॉर्पियो सवार फरार हो गए। मीना को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके सिर , पैरों और पीठ में गहरी चोटें थीं। दो घंटे बाद परेशान हाल नजर आ रहा मीना का पति मंगल सिंह अस्पताल पहुंचा। उसने बेहतर इलाज के लिए मीना को केशवपुरम के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। रोहिणी (नॉर्थ) थाने में रोड ऐक्सिडेंट का केस दर्ज करने की औपचारिकता पूरी हुई। स्कॉर्पियो का सुराग नहीं मिला और आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस इसे हिट ऐंड रन का केस ही मानती रही।
बाइक चोरों से मिला सुराग
सोमवार रात साकेत के एसएचओ राजेंद्र सिंह , इंस्पेक्टर धर्मदेव और कॉन्स्टेबल ललिता आदि पुलिसकर्मियों ने अशोक विहार से चुराई गई बाइक पर सवार अनूप , अमित और सुबोध को गिरफ्तार किया। इन्होंने पूछताछ के दौरान रोहिणी ऐक्सिडेंट के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया कि मीना की हत्या के लिए मंगल सिंह ने उन्हें एक लाख रुपए की सुपारी दी थी। मंगल के अलावा उसका भाई और पिता भी दिल्ली पुलिस में हैं। मंगल और देवनगर निवासी मीना की शादी 1995 में हुई थी। उनकी तीन संतानें हुईं , लेकिन पति-पत्नी में हमेशा झगड़ा होता रहता था। मीना ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया , जिसमें मंगल और उसके परिवार के लोग गिरफ्तार किए गए थे।
बाद में दोनों में समझौता हुआ और दोनों रोहिणी के सेक्टर-6 में साथ रहने लगे , लेकिन मनमुटाव बना रहा। आखिरकार मंगल ने मीना का काम तमाम कराने का फैसला किया। उसने अपने दोस्त ट्रांसपोर्टर रघुबीर चाचा से बात की। साजिश इस तरह से रची गई कि मीना की मौत हत्या नहीं , बल्कि हादसा लगनी चाहिए। रघुबीर ने मंगल को आजादपुर में कार डीलर अनीस से मिलवाया। अनीस के मकैनिकों अनूप , अमित और बिल्लू को ऐक्सिडेंट की सुपारी दी गई। रकम एक लाख तय हुई , जिसमें 25 हजार अडवांस दिए गए।
जबर्दस्त टक्कर मारने के लिए भारी भरकम गाड़ी स्कॉर्पियो को किराए पर लिया गया। मंगल ने पूरे प्लान पर और 25 हजार रुपये खर्च किए। अब स्कॉर्पियो लेकर ये लोग कई बार स्कूल के पास मीना को टक्कर मारने गए , लेकिन सही मौका 25 जुलाई को मिला। उस दिन सैंट्रो कार में मंगल और रघुबीर थे , जबकि तीनों मकैनिक स्कॉर्पियो में थे। मीना को देखकर मंगल ने सिग्नल दिया। मीना को जोरदार टक्कर मारी गई। मंगल को उम्मीद थी कि उसकी मौत हो जाएगी। उसके जिंदा रहने से उसे भारी निराशा हुई , लेकिन नाटक करने वह अस्पताल पहुंच गया।
डीसीपी छाया शर्मा ने बताया कि साकेत पुलिस ने मंगल सिंह (40) , रघुबीर सिंह राठौर निवासी विजय विहार, अनीस , अमित , अनूप , बिल्लू चौधरी और सुबोध को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें रोहिणी पुलिस के सुपुर्द किया जाएगा। दूसरी ओर , मीना अभी तक नर्सिंग होम में भर्ती है।
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