पाकिस्तान में "फेसबुक" पर प्रतिबंध
लाहौर। लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय को सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस अजमत सईद ने धार्मिक असहिष्णुता के मामले में एक मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को यह भी साफ किया कि फेसबुक ही नहीं गुगल सहित ऎसे सर्च इंजनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए जिनसे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। उन्होंने इस संबंध में मंत्रालय से 6 अक्टुबर तक अनुपालना रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने यह आदेश अमरीकन सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के पाकिस्तान में स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाने की याचिका पर दिए। यह याचिका अधिवक्ता मोहम्मद अजहर सिद्दीकी की ओर से दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता के अनुसार सूचना की स्वतंत्रता के नाम पर इन वेबसाइट्स के जरिए इस्लाम का अवमुल्यन किया जा रहा है, इसके फलस्वरूप मुसलमानों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय धार्मिक घृणा फैलाने वेबसाइटों ब्लॉक नहीं किया। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि फेसबुक सहित ऎसी सभी वेबसाइटों को पाकिस्तान में स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जाए, जिनके जरिए पवित्र पैगंबर की निंदा की जा रही है।
लाहौर। लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय को सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस अजमत सईद ने धार्मिक असहिष्णुता के मामले में एक मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को यह भी साफ किया कि फेसबुक ही नहीं गुगल सहित ऎसे सर्च इंजनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए जिनसे धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। उन्होंने इस संबंध में मंत्रालय से 6 अक्टुबर तक अनुपालना रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने यह आदेश अमरीकन सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के पाकिस्तान में स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाने की याचिका पर दिए। यह याचिका अधिवक्ता मोहम्मद अजहर सिद्दीकी की ओर से दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता के अनुसार सूचना की स्वतंत्रता के नाम पर इन वेबसाइट्स के जरिए इस्लाम का अवमुल्यन किया जा रहा है, इसके फलस्वरूप मुसलमानों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय धार्मिक घृणा फैलाने वेबसाइटों ब्लॉक नहीं किया। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि फेसबुक सहित ऎसी सभी वेबसाइटों को पाकिस्तान में स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया जाए, जिनके जरिए पवित्र पैगंबर की निंदा की जा रही है।
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