मंगलवार, 20 सितंबर 2011

भंवरी देवी प्रकरण में सरकार को नोटिस


भंवरी देवी प्रकरण में सरकार को नोटिस

जयपुर। एएनएम भंवरी देवी अपहरण मामले में मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश संगीत लोढ़ा एवं न्यायाधीश चांदमल तोतला की खण्डपीठ ने सचिव गृह विभाग, आईजी जोधपुर रेंज और एसपी ग्रामीण को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारी को 22 सितंबर तक केस डायरी के साथ हाजिर होने को कहा है। भंवरी के पति अमरचंद नट ने सोमवार को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी।

याचिका में राज्य सरकार, पुलिस महानिरीक्षक (जोधपुर रेंज), पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) व अपहरण के आरोपी सोहनलाल विश्नोई को पक्षकार बनाया गया था। बंदी प्रत्यक्षीकरण का शाब्दिक अर्थ है- "बंदी को सशरीर कोर्ट में पेश किया जाए।" यह याचिका किसी व्यक्ति या हिरासत में निरूद्ध बंदी के व्यक्तिगतस्वातं˜य की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण अस्त्र है। इसके जरिए न्यायालय बंदी को अपने समक्ष उपस्थित किए जाने का आदेश देता है और उसे निरूद्ध करने के कारणों की छानबीन करता है। यदि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि बंदी का निरोध अवैध तथा अनौचित्यपूर्ण है तो उस दशा में उसे छोड़ दिया जाता है।

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