तैराक गफ्फार शाह सिखा रहे हैं तैराकी के गुर
पोकरण बाबा रामदेव मेला शुरू होने के साथ ही यात्रियों के तालाब में डूबने की घटनाएं होने लगी थी। डूबते लोगों की जान बचाने के लिए स्थानीय तैराक गफ्फार शाह द्वारा राम देवसर तालाब के पास यात्रियों व स्थानीय लोगों को नाव चलाने व तैरने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं तैराक गफ्फार शाह द्वारा लोगों के लिए प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। जिसमें नाव चलाने, तैरने, डूबते को बचाने तथा डूबते व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बारे में भी सिखाया जा रहा है।
तैराक गफ्फार शाह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब एवं नाडिय़ां इन दिनों बरसाती पानी से लबालब भरी हुई है। कई लोग तालाब में पानी लेने व पानी पीने जाते हैं तथा पांव फिसलने के कारण वह गहराई वाले क्षेत्र में चले जाते हैं। उनके बाहर नहीं निकल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही तालाबों एवं नाडिय़ों में तैरने के संबंध में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गफ्फार शाह द्वारा रामदेवसर तालाब के पास सुबह 8 बजे से 10 बजे तथा शाम को 5 बजे से 7 बजे तक अलग -अलग पारियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही प्रदर्शनी के माध्यम से कई बालिकाओं व महिलाओं को तैरने के गुर सिखाए जा रहे हैं।
गफारशाह से बनाई राजस्थानी नाव: राम देवसर तालाब के पास यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को नाव चलाने एवं तैरने के निशुल्क प्रशिक्षण के चलते तैराक गफ्फार शाह द्वारा राजस्थानी नाव का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान एक राजस्थानी नाव का निर्माण किया गया है। इस नाव के सहारे कोई भी व्यक्ति जिसे तैरना व नाव चलाना नहीं आता है वह इस नाव पर बैठकर तालाब में कहीं पर आ जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस राजस्थानी नाव में एक साथ 8 लोगों को बचाने में काम लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस नाव का उपयोग तालाब एवं नाडिय़ों में उपयोग लिया जा सकता है।
बाढग़्रस्त इलाकों में पेट्रोल नाव आवश्यक :स्थानीय राम देवसर तालाब के पास दिए जा रहे निशुल्क प्रशिक्षण के दौरान तैराक गफारशाह ने बताया कि बाढग़्रस्त इलाकों में पेट्रोल की नाव की महत्ती आवश्यकता होती है लेकिन प्रशासन का द्वारा कोई सहयोग नहीं देने के कारण बाढ़ के समय भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कभी मूसलाधार बरसात होने के बाद बाढ़ के हालात बन जाते हैं फिर बाद में तैराकों को याद किया जाता है तथा तैराकों के पास कोई साधन नहीं होने के कारण लोगों के साथ -साथ उन्हें भी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाना पड़ता है।
तैराक गफ्फार शाह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब एवं नाडिय़ां इन दिनों बरसाती पानी से लबालब भरी हुई है। कई लोग तालाब में पानी लेने व पानी पीने जाते हैं तथा पांव फिसलने के कारण वह गहराई वाले क्षेत्र में चले जाते हैं। उनके बाहर नहीं निकल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही तालाबों एवं नाडिय़ों में तैरने के संबंध में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गफ्फार शाह द्वारा रामदेवसर तालाब के पास सुबह 8 बजे से 10 बजे तथा शाम को 5 बजे से 7 बजे तक अलग -अलग पारियों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही प्रदर्शनी के माध्यम से कई बालिकाओं व महिलाओं को तैरने के गुर सिखाए जा रहे हैं।
गफारशाह से बनाई राजस्थानी नाव: राम देवसर तालाब के पास यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को नाव चलाने एवं तैरने के निशुल्क प्रशिक्षण के चलते तैराक गफ्फार शाह द्वारा राजस्थानी नाव का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान एक राजस्थानी नाव का निर्माण किया गया है। इस नाव के सहारे कोई भी व्यक्ति जिसे तैरना व नाव चलाना नहीं आता है वह इस नाव पर बैठकर तालाब में कहीं पर आ जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस राजस्थानी नाव में एक साथ 8 लोगों को बचाने में काम लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस नाव का उपयोग तालाब एवं नाडिय़ों में उपयोग लिया जा सकता है।
बाढग़्रस्त इलाकों में पेट्रोल नाव आवश्यक :स्थानीय राम देवसर तालाब के पास दिए जा रहे निशुल्क प्रशिक्षण के दौरान तैराक गफारशाह ने बताया कि बाढग़्रस्त इलाकों में पेट्रोल की नाव की महत्ती आवश्यकता होती है लेकिन प्रशासन का द्वारा कोई सहयोग नहीं देने के कारण बाढ़ के समय भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कभी मूसलाधार बरसात होने के बाद बाढ़ के हालात बन जाते हैं फिर बाद में तैराकों को याद किया जाता है तथा तैराकों के पास कोई साधन नहीं होने के कारण लोगों के साथ -साथ उन्हें भी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाना पड़ता है।
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