रविवार, 11 सितंबर 2011

जालोर न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे 11 September

पीर के स्वागत में उमड़े श्रद्धालु

चूरा गांव में चातुर्मास संपन्न कर जालोर पहुंचे पीर शांतिनाथ महाराज, चूरा गांव में श्रद्धालुओं व ग्रामीणों ने दी विदाई, जालोर पहुंचने पर विभिन्न समाजसंगठनों ने किया पीर का स्वागत
जालोर निकटवर्ती चूरा गांव में चातुर्मास संपन्न कर पीर शांतिनाथ महाराज शनिवार को निज धाम जालोर लौटे। इससे पूर्व सवेरे चूरा गांव में ग्रामीणों ने पीर को शोभायात्रा के साथ विदाई दी। महाराज के जिला मुख्यालय पहुंचने पर विभिन्न समाज सेवी संगठनों व श्रद्धालुओं ने गाजों-बाजों के साथ स्वागत किया। इस दौरान महाराज के स्वागत में शोभायात्रा भी निकाली गई। शोभायात्रा के दौरान रथ में पीर शांतिनाथ, लेटा महंत रणछोड़ भारती व जगनाथ मठ के गंगा भारती महाराज समेत कई साधु-संत विराजित थे। शोभायात्रा सूरजपोल से हॉस्पिटल चौराहा, हरिदेव जोशी सर्कल, तिलक द्वार होते हुए भैरू नाथ अखाड़ा पहुंची। जहां महिलाओं ने पीर का सामैया किया। इसके बाद सभी संतों ने भैरू नाथ अखाड़े में प्रवेश किया। शोभायात्रा के दौरान बैंड बाजों की धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। साथ ही विभिन्न स्थानों शहरवासियों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। इस मौके काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

बाकरा गांव. निकटवर्ती चूरा गांव में पीर शांतिनाथ महाराज की विदाई को लेकर अल सवेरे से ही श्रद्धालुओं व ग्रामीणों का आना जाना लगा रहा। इस दौरान सवेरे करीब आठ बजे पीर शांतिनाथ महाराज समेत विभिन्न साधु-संतों की पूजा अर्चना की गई। इसके बाद शोभायात्रा निकाली गई जो कस्बे के मुख्य मार्गों से गुजरी। इस दौरान रथ में विराजित साधु-संतों के समक्ष युवक-युवतियों ने नृत्य भी किया। इस मौके कई श्रद्धालु शांतिनाथ महाराज के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। महिलाओं ने भी मांगलिक गीत गाए। शोभायात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

ग्रामीणों ने दी विदाई : चूरा गांव में पीर शांतिनाथ महाराज के चातुर्मास संपन्न होने के बाद ग्रामीणों ने महाराज को विदाई दी। महाराज का चातुर्मास श्रावण मास कृष्ण पक्ष सप्तमी को शुरू हुआ था। पूरे दो माह तक चूरा गांव में भक्तिमय माहौल बना रहा। पीर की विदाई के दिन ग्रामीणों की आंखें छलक आई। इधर, विदाई के समय बागरा थाने से पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा।
भाई-बहन ने निभाई समंदर हिलोरने की रस्म
गुड़ा बालोतान चांदराई गांव में शनिवार कोसमंदर हिलोरने की रस्म अदा की गई। इस दौरान बहनें अपने भाइयों के साथ तालाब पर पहुंची। विवाहिताओं ने हर्षोल्लास के साथ समंदर हिलोर कर पीहर व ससुराल में धन धान्य व सुख समृद्धि की कामना की।

कार्यक्रम का शुभारंभ सरपंच हरकू देवी ने पंडित धीरज श्रीमाली के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया। इस दौरान इंद्र देव की आराधना की गई। समंदर हिलोरने के बाद महिलाओं ने तालाब की परिक्रमा भी लगाई। तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजक कमेटी द्वारा बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई।

इस मौके चांदराई गांव के समस्त समाजों के महिला-पुरुषों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम के आयोजक जबर सिंह राठौड़, मदन भाई सोनी, अशोक अग्रवाल व मांगीलाल प्रजापत समेत सक्रिय सहयोग करने वाले कमेटी के सदस्यों का गांव के गणमान्य लोगों ने सम्मान किया।
हरिकथा में उमड़े श्रद्धालु

झाब . निकटवर्ती लियादरा गांव के हनुमान मंदिर प्रांगण में हरिकथा का आयोजन किया गया। कथा के दौरान हरिद्वार के विश्नोई वाडा के राजेन्द्र नंद महाराज के प्रवचन हुए। महाराज ने मनुष्य को साधना के लिए कुछ समय निकालने की बात कही। उन्होंने अंधविश्वास और आडंबरों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इनसे दूर रहने के बारे में कहा। एक उदाहरण देकर उन्होंने ने बताया कि अगर किसी की गाय या भैंस दूध नहीं दे रही है तो झाड़ फूंक की जाती है। उन्होंने इस प्रकार के अंधविश्वास से दूर रहने की बात कही। महाराज ने एक शब्द भूला लो भल भूलालो भूला न भूलो.....का अर्थ बताते हुये कहा कि संसार के लोगों को अपनी भूल में सुधार कर लेना चाहिए। इस मौके पूर्व विधायक हीरालाल विश्नोई, सुखराम विश्नोई, हुकमा राम प्रदेश सचिव उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी, भाखराराम, हरी राम सरपंच व जयराम सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण मौजूद थे।
अनंत चतुर्दशी आज, सजे मंदिर

जालोर . जिलेभर में रविवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा। इसको लेकर मंदिर को फूल मालाओं से सजाया जाएगा। मंदिरों में अनंत भगवान की कथा का वाचन होगा। साथ ही अनंत चतुर्दशी का उद्यापन भी किया जाएगा। इधर, जालोर जिला मराठा संगठन की ओर से भीनमाल स्थित भीलों का चौहटा में ग्यारह दिवसीय सार्वजनिक गणपति महोत्सव का समापन रविवार दोपहर 3 बजे होगा और शोभायात्रा निकाली जाएगी। शुक्रवार शाम को भजन संध्या कार्यक्रम हुआ। जिसमें गायक कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं से तालियां बटोरी। देर रात चली भजन संध्या कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

गांव व ढाणियों में भरा पानी
सांचौर. निकटवर्ती सेसावा गांव में नर्मदा नहर की पनोरिया वितरिका से पानी का रिसाव होने के कारण आस-पास स्थित करीब 50 रहवासी ढाणियां पानी से घिर गई हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अन्यत्र शरण लेनी पड़ रही है। इधर, ग्रामीणों को प्रशासनिक मदद नहीं मिलने के कारण स्वयंसेवक ग्रामीणों की सहायता में जुटे हुए हैं। स्थिति यह है कि खेतों एवं ढाणियों में पानी भरे हुए करीब पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई इमदाद नहीं मिल पा रही है। नेहड़ क्षेत्र के सेसावा, शिवपुरा, ठैलिया, पादरली, होथिगांव, दूठवा, चितलवाना, केरिया, रामपुरा व सिलुसण समेत अनेक गांव मुख्य रूप से प्रभावित हैं। इस संबंध में सेसावा ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि क्षेत्र में पिछले कई दिनों से पानी का भराव हो रखा है। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
नेहड़ में फैली मौसमी बीमारी

गांव के सरपंच ने चिकित्सा विभाग पर लगाया मौसमी बीमारी से पांच ग्रामीणों की मौत का आरोप, विभाग ने किया इंकार

चितलवाना  पिछले लगभग एक पखवाड़े से क्षेत्र में भरा बरसात और नर्मदा के ओवरफ्लो का पानी अब लोगों के लिए मौसमी बीमारी का कारण बन गया है। क्षेत्र के कई गांवों में मौसमी बीमारी फैल गई है जिसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं। इधर, विभाग इस बात से इंकार कर रहा है कि क्षेत्र में मौसमी बीमारी का कोई प्रकोप है, लेकिन संबंधित गांवों के सरपंचों का कहना है कि होथिगांव और शिवपुरा गांव में मौसमी बीमारी के कारण पांच ग्रामीणों की मौत भी हुई है। इन गांवों में आने जाने के लिए पानी के कारण कोई रास्ते नहीं है। जिसके कारण बीमार ग्रामीण अस्पताल भी नहीं जा पा रहे हैं। होथिगांव सरपंच मोड़दान चारण ने भास्कर को फोन पर बताया की नेहड़ क्षेत्र के रास्ते बंद होने से लोगों का संर्पक टूटा हुआ है
गैबनशाह गाजी का सालाना उर्स 13 को

जालोर. हजरत शहीद गैबनशाह गाजी रहमत तुल्लाह अलैह का सालाना उर्स 13 सितंबर को शानो शौकत से मनाया जाएगा।

हाजी अबरम बाबा उर्फ चाहत अली ने बताया कि गैबनशाह गाजी के उर्स को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही है। आगामी 13 व 14 सितंबर को गैबनशाह गाजी का उर्स धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। जिसके तहत 13 सितंबर को शाम पांच बजे चादर की रस्म अदा की जाएगी। चादर वन वे रोड से जुलूस के रूप में रवाना होगी। इसके बाद शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई दरगाह शरीफ पहुंचेगी। जहां चादर पेश कर देश के लिए अमन-चैन की दुआ मांगी जाएगी। वहीं रात 9 बजे मिलाद शरीफ का कार्यक्रम होगा। कच्छ-भुज (गुजरात) अहमद खान अकबरी व राजस्थान वक्फ बोर्ड के सदस्य आदम खान कादरी कोनराई की ओर से मिलाद शरीफ की जाएगी। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर रात 10 बजे कव्वाली कार्यक्रम होगा। जिसमें जोधपुर के पगड़ी बंध जमाल रोशन, जोधपुर के इरफान तुफैल कव्वाल व सहारनपुर (यूपी) के हाजी अकरम असलम साबरी की ओर से कव्वाली प्रस्तुत की जाएगी।

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