जिले भर में रविवार रात को हुई बरसात सोमवार को भी जारी रही जिससे नदी नाले उफान पर हैं, मुख्य बांध ओवरफ्लो हो गए हैं और उन पर चादर चलने लगी है, सोमवार दोपहर की भारी बारिश से जवाई नदी में पानी की जोरदार आवक
वर्षों बाद खुशियां लाई जवाई
जालोर रविवार शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार सवेरे तक जारी रहा। बारिश होने से जगह-जगह मार्ग अवरुद्ध हो गए। साथ ही बीठन व वणधर बांध ओवर फ्लो हो गए। आकोली नदी उफान पर चलने से सवेरे करीब छह घंटे तक जिला मुख्यालय से भीनमाल, सांचौर, रानीवाड़ा व जसवंतपुरा से संपर्क टूट गया।
भारी बारिश से जवाई नदी में भी पानी की जोरदार आवक हुई। आगामी 48 घंटे तक जोधपुर संभाग समेत जिलेभर में भारी बारिश की चेतावनी है। बागोड़ा उपखंड क्षेत्र के रिडमलिया तालाब ऑवर फ्लो होने से बागोड़ा-भीनमाल का संपर्क भी टूट गया।
आहोर उपखंड मुख्यालय पर अल सवेरे आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ टूट गया। जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जिले के सभी उपखंड मुख्यालयों पर जोरदार बरसात हुई है। बीते चौबीस घंटे में भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र में करीब छह इंच बारिश दर्ज, सांचौर में करीब पांच इंच, जालोर, आहोर, रानीवाड़ा, जसवंतपुरा करीब चार इंच व सायला करीब साढ़े चार इंच बारिश दर्ज की गई है।
नेहड़ क्षेत्र में पानी ही पानी
सांचौर क्षेत्र में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है, वहीं रविवार रात को हुई 120 मीमी बारिश ने 21 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्रशासन की माने तो 1989 के बाद पहली बार इनती अधिक बारिश दर्ज की गई है। क्षेत्र में भारी बारिश से नेहड़ क्षेत्र के कई गांव पानी से घिर गए हैं। ढाणियों में पानी घुस जाने से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के केरिया क्रॉस बांध और कपूरिया बांध भी पानी की आवक आने से पूर्ण रूप से भर गये हैं। वहीं केरिया बांध के क्षेत्र में आने वाले चितलवाना और रामपुरा सहित आस-पास के कई गांवों की ढाणियां पानी से घिर गई हैं। खेतों में खड़ी फसल पानी में डूब गई है। केसूरी, भाटवास, मेढा, मरटवा सहित दर्जनों गांव बाढ़ के हालात के चपेट में हंै, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सामग्री लाने व ले जाने के लिये भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उपखंड मुख्यालय से कटा संपर्क
नेहड़ क्षेत्र के हालात को देखने पर ही वास्तविक स्थिति का पता लग सकता है। पिछले पखवाड़े भर से ज्यादा समय से नेहड़ के दर्जनों गांवों का उपखंड मुख्याल से सम्पर्क कटा है। इन गांवों में आवश्यक सामग्री लाने व ले जाने के लिये बोटिंग का सहारा लिया जा रहा ह। बीमार मरीजों को भी खाट पर बोट में डालकर नजदीक अस्पताल तक ले जाने का जतन करते देखा जा सकता है। इन परिस्थतियों के बावजूद प्रशासन इन गांवों में अभी तक नहीं पहुंचा है।
नर्मदा के ओवरफ्लो से बंटा गांव
चितलवाना. नेहड़ वासियों के लिए नर्मदा नगर का पानी परेशानी का कारण बनता जा रहा है। नर्मदा नहर ओवरफ्लो होने से रविवार रात को रतनपुरा में भी घुस गया। जिससे एक ही गांव को दो भागों में बंट गया है। गांव के बीचों बीच फैले इस पानी ने ग्रामीणों के लिए परेशान खड़ी कर दी है। नेहड़ क्षेत्र में नर्मदा का ओवरफ्लो पिछले पच्चीस दिन से तबाही मचा रहा है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक किसी भी प्रकार सुध नहीं ली है।
वर्षों बाद खुशियां लाई जवाई
जालोर रविवार शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार सवेरे तक जारी रहा। बारिश होने से जगह-जगह मार्ग अवरुद्ध हो गए। साथ ही बीठन व वणधर बांध ओवर फ्लो हो गए। आकोली नदी उफान पर चलने से सवेरे करीब छह घंटे तक जिला मुख्यालय से भीनमाल, सांचौर, रानीवाड़ा व जसवंतपुरा से संपर्क टूट गया।
भारी बारिश से जवाई नदी में भी पानी की जोरदार आवक हुई। आगामी 48 घंटे तक जोधपुर संभाग समेत जिलेभर में भारी बारिश की चेतावनी है। बागोड़ा उपखंड क्षेत्र के रिडमलिया तालाब ऑवर फ्लो होने से बागोड़ा-भीनमाल का संपर्क भी टूट गया।
आहोर उपखंड मुख्यालय पर अल सवेरे आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ टूट गया। जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। जिले के सभी उपखंड मुख्यालयों पर जोरदार बरसात हुई है। बीते चौबीस घंटे में भीनमाल व बागोड़ा क्षेत्र में करीब छह इंच बारिश दर्ज, सांचौर में करीब पांच इंच, जालोर, आहोर, रानीवाड़ा, जसवंतपुरा करीब चार इंच व सायला करीब साढ़े चार इंच बारिश दर्ज की गई है।
नेहड़ क्षेत्र में पानी ही पानी
सांचौर क्षेत्र में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है, वहीं रविवार रात को हुई 120 मीमी बारिश ने 21 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्रशासन की माने तो 1989 के बाद पहली बार इनती अधिक बारिश दर्ज की गई है। क्षेत्र में भारी बारिश से नेहड़ क्षेत्र के कई गांव पानी से घिर गए हैं। ढाणियों में पानी घुस जाने से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के केरिया क्रॉस बांध और कपूरिया बांध भी पानी की आवक आने से पूर्ण रूप से भर गये हैं। वहीं केरिया बांध के क्षेत्र में आने वाले चितलवाना और रामपुरा सहित आस-पास के कई गांवों की ढाणियां पानी से घिर गई हैं। खेतों में खड़ी फसल पानी में डूब गई है। केसूरी, भाटवास, मेढा, मरटवा सहित दर्जनों गांव बाढ़ के हालात के चपेट में हंै, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सामग्री लाने व ले जाने के लिये भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उपखंड मुख्यालय से कटा संपर्क
नेहड़ क्षेत्र के हालात को देखने पर ही वास्तविक स्थिति का पता लग सकता है। पिछले पखवाड़े भर से ज्यादा समय से नेहड़ के दर्जनों गांवों का उपखंड मुख्याल से सम्पर्क कटा है। इन गांवों में आवश्यक सामग्री लाने व ले जाने के लिये बोटिंग का सहारा लिया जा रहा ह। बीमार मरीजों को भी खाट पर बोट में डालकर नजदीक अस्पताल तक ले जाने का जतन करते देखा जा सकता है। इन परिस्थतियों के बावजूद प्रशासन इन गांवों में अभी तक नहीं पहुंचा है।
नर्मदा के ओवरफ्लो से बंटा गांव
चितलवाना. नेहड़ वासियों के लिए नर्मदा नगर का पानी परेशानी का कारण बनता जा रहा है। नर्मदा नहर ओवरफ्लो होने से रविवार रात को रतनपुरा में भी घुस गया। जिससे एक ही गांव को दो भागों में बंट गया है। गांव के बीचों बीच फैले इस पानी ने ग्रामीणों के लिए परेशान खड़ी कर दी है। नेहड़ क्षेत्र में नर्मदा का ओवरफ्लो पिछले पच्चीस दिन से तबाही मचा रहा है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक किसी भी प्रकार सुध नहीं ली है।
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