बुधवार, 28 सितंबर 2011

जालोर न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे .... २८ सितंबर, २०११


दुर्ग को विश्व धरोहर में शामिल करने की मांग

जालोर जालोर के ऐतिहासिक दुर्ग को विश्व धरोहर में शामिल करवाने की मांग को लेकर मंगलवार को महावीर इंटरनेशनल ग्रेनाइट सिटी की ओर से एडीएम चुन्नीलाल सैनी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने सात प्रमुख ऐतिहासिक, प्राचीन स्मारक व दुर्गों को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए प्रशासन द्वारा प्रस्तावित कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाया था। जिसमें जालोर का ऐतिहासिक दुर्ग भी था। केंद्र सरकार के संबंधित विभाग द्वारा किसी प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से जालोर दुर्ग का सर्वे करवाया था और उसकी रिपोर्ट के अनुसार इस दुर्ग का नाम विश्व धरोहर प्रस्तावित सूची में से हटा लिया गया। शेषत्नपेज 1५

दुर्ग का सूची से नाम हटने से जिलेवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। जालोर का स्वर्ण गिरी दुर्ग स्थापत्यकला, शिल्पकारी, नक्काशी व अभेद्य कारीगरी, दुर्ग पर स्थित प्राचीन जैन मंदिर, शिव मंदिर और मस्जिद का त्रिवेणी संगम के रूप में समय की धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक व वर्तमान प्रेरणा स्वरूप है। महावीर इंटरनेशनल ने एडीएम को पर्यटन मंत्री व पर्यटन एवं कला सचिव भारत सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर दुर्ग को विश्व धरोहर में शामिल करने की मांग की। इस मौके महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष दिनेशचंद्र व्यास, जोन चेयरमैन भवानी सिंह व सुरेश गांधी समेत कई जने मौजूद थे। 




मलेरिया से एक की मौत
मलेरिया पीवी से ग्रसित थी किशोरी, चिकित्सा विभाग ने तेज की सर्वे की कार्रवाई।

जालोर   जिला मुख्यालय पर मलेरिया से एक किशोरी की मौत का मामला सामने आया है। पीएमओ पीआर चुंडावत के अनुसार यह किशोरी और उसकी माता दो दिन पूर्व ही अस्पताल में आए थे। इसमें किशोरी हीना (16) की मौत हो गई जबकि माता गौरी पत्नी रतनलाल का राजकीय अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। इन दोनों को मलेरिया पीवी था। इस मामले में पीएमओ का यह भी कहना है कि किशोरी की मौत अस्पताल में नहीं हुई बल्कि परिजन उसे अपने घर ले गए थे। चिकित्सा विभाग ने इन दोनों को रक्त जांच के बाद मलेरिया पीवी घोषित किया था इधर, एक ही दिन में मिले दो मलेरिया पीवी के रोगियों को लेकर चिकित्सक विभाग की ओर से सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया। चिकित्सा विभाग की टीमों द्वारा घर-घर जाकर गहन सर्वे किया जा रहा है।

5 टीमें कर रही हैं सर्वे

जिला मुख्यालय पर बारिश के बाद जगह-जगह भरे पड़े बरसाती पानी और मौसमी बीमारियों के अंदेशे को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से कुल पांच टीमों का गठन किया गया है। जिनके द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में स्लाइड्स ली जा रही हैं। इसके अलावा हरिजन बस्ती से मिले मलेरिया पीवी के रोगियों के बाद मोहल्लेवासियों के रक्त जांच के साथ-साथ उन्हें क्लोरोक्वीन की गोली भी दी जा रही है। शेषत्नपेज 1५

दूसरे दिन ही ले गए थे परिजन

जिला अस्पताल में बीते रविवार को बुखार से पीडि़त ये दोनों मां-बेटी उपचार के लिए आए थे। जिनकी रक्त जांच में मलेरिया पीवी पाया गया। इसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया और उपचार शुरू भी कर दिया था। इसके दूसरे दिन सोमवार को ही हीना को उसके परिजन बिना डिस्चार्ज किए ले गए। जबकि हीना की माता का उपचार अभी भी चल रहा है। हीना की मौत अस्पताल में नहीं हुई है। वैसे अगर रोगी को लंबे समय से मलेरिया पीवी है और वह सामान्य बुखार का इलाज लेता है तो मलेरिया हावी हो जाता है। ऐसे में रोगी के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से उसकी मौत भी हो सकती है।

- डा. पी.आर. चुंडावत, पीएमओ, राजकीय चिकित्सालय, जालोर

मेरी जानकारी में नहीं

मलेरिया से किसी रोगी की मौत होने के बारे में फिलहाल मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में पता करवाया जाएगा। अगर ऐसा है तो उस बस्ती समेत शहर के विभिन्न इलाकों में घर-घर गहन सर्वे करवाया जाएगा।

डी.सी. पुंसल, सीएमएचओ, जालोर


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