बुधवार, 28 सितंबर 2011

पति पर पालिका अध्यक्ष पत्नी हुईं ऐसे मेहरबान कि कर दिया बंटाधार!



बाड़मेर नगर पालिका अध्यक्ष उषा वडेरा ने गडरा रोड पर पति मांगीलाल जैन के रिसोर्ट की दस बीघा जमीन सरकार के नाम दर्ज होने के बावजूद 12 मार्च 2010 में आयुक्त कालू खान सिलावट के साथ मिलकर नियम विरुद्ध पट्टा जारी कर दिया।

इतना ही नहीं, रिसोर्ट के लिए गैर मुमकिन रास्ता और पहाड़ी की कुल सात बीघा जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया। रिसोर्ट की जमीन पर अनुमति लिए बगैर होटल का निर्माण तक कर लिया गया।

इससे पालिका को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। पति के इस रिसोर्ट में पालिका अध्यक्ष खुद 20 प्रतिशत की भागीदार हैं। बाड़मेर एसडीएम सीएल देवासी ने आरंभिक जांच में अनियमितता होना पाया है।

हमीरापुरा निवासी मांगीलाल जैन ने बाड़मेर के लंगेरा में रिषभ क्लब एंड रिसोर्ट के लिए खसरा नं491-42 व 496-43 की 10 बीघा जमीन के भूमि रूपांतरण के लिए आवेदन किया था।

तत्कालीन एसडीएम डॉ. नखतदान बारहठ ने 10 सितंबर,09 को तहसीलदार को भूमि का राजस्व रिकॉर्ड के माध्यम से नामातंरण राज्य सरकार के नाम अंकन करने के आदेश दिए। 16 अक्टूबर को सरकार के नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो गई।

इसके बावजूद पालिका अध्यक्ष ने आयुक्त कालू खान सिलावट के साथ मिलकर जमीन का पट्टा 12 मार्च 2010 को पति के रिसोर्ट के नाम से जारी कर दिया।

पालिका अध्यक्ष ने किया पद का दुरुपयोग :

उषा वडेरा अपने पति के रिसोर्ट में बीस प्रतिशत की भागीदार हैं। उन्होंने खुद के हस्ताक्षर से अपने पति के नाम पट्टा जारी कर दिया, जबकि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 1959 की उपधारा 26 के तहत पालिका अध्यक्ष, पार्षद, अधिशासी अभियंता अपने किसी रिश्तेदार को फायदा नहीं पहुंचा सकते, वे खुद भी भागीदार के रूप में किसी तरह का लाभ नहीं उठा सकते।

ले आउट प्लान में गड़बड़ी : राजस्व रिकॉर्ड में रिसोर्ट के पास स्थित 2 बीघा 16 बिस्वा जमीन गैर मुमकिन रास्ता दर्शाया हुआ है, लेकिन रिसोर्ट के ले-आउट प्लान में इस जमीन को शामिल बताया गया है।

पालिका ने इस गड़बड़ी वाले नगर नियोजक जोधपुर के ले-आउट प्लान को मंजूर कर पट्टा जारी कर दिया, जबकि पटवारी के मौका नक्शा के अनुसार यह जमीन गैर मुमकिन रास्ता है। रिसोर्ट निर्माण के दौरान पहाड़ी की पांच बीघा जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया गया।

साथ ही रिसोर्ट के नाम पर पर्यटन नीति-2007 के तहत लीज राशि में छूट का फायदा उठा लिया, जबकि हकीकत में रिसोर्ट की जगह आलीशान होटल का निर्माण करवाया गया है।

पालिका रिकॉर्ड में नहीं मिला पट्टा व नक्शा :

पालिका अध्यक्ष के पट्टा जारी करने व गैर मुमकिन रास्ते व पहाड़ी की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत मिलने पर पूर्व कलेक्टर गौरव गोयल ने एसडीएम सीएल देवासी को जांच के आदेश दिए थे।

इस पर देवासी ने पालिका से एक महीने पूर्व इस प्रकरण से संबंधित रिकॉर्ड मांगा। इस पर उन्हें रिषभ रिसोर्ट एंड क्लब संबंधित रिकॉर्ड तो दे दिया गया, लेकिन उसमें न तो पालिका अध्यक्ष का जारी पट्टा है और ना ले-आउट प्लान। इस पर उन्होंने वापस रिकॉर्ड तलब किया है।

"पालिका अध्यक्ष ने दबाव डाल जबरन पट्टा जारी करवाया। नियमानुसार पालिका अध्यक्ष न तो सरकारी जमीन का और न ही पति के नाम पट्टा जारी कर सकती हैं। भवन निर्माण की अनुमति लिए बगैर ही रिसोर्ट के बजाय होटल का निर्माण करवा दिया है।"

कालू खान सिलावट, आयुक्त, बाड़मेर नगर पालिका"पालिका अध्यक्ष सरकारी जमीन और पति के नाम पट्टा जारी कर ही नहीं सकतीं। प्रकरण में भारी अनियमितता हुई। मुझे पालिका से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। गैर मुमकिन रास्ता व पहाड़ी की जमीन पर अतिक्रमण मामले में पैमाइश करवाएंगे।"

सीएल देवासी, एसडीएम, बाड़मेर

"मैंने सरकार से अनुमति लेकर पट्टा जारी किया। हर काम नियम-कायदे के अनुसार किया। पटवारी से गैर मुमकिन रास्ते की भी जांच करवा ली। किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती है।"

उषा वडेरा, अध्यक्ष, नगर पालिका

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