भारत में 26 लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमीः डॉ मनीषा चावला
जैसलमेर 18 सितम्बर: विष्व स्वास्थ्य संगठन के आकडों के अनुसार विष्वभर में 36 लाख स्वास्थ्य कायर्ककताओं की कमी है, इसमें भारत और चीन को शामिल नही किया गया है।अकेले भारत में 26 लाख स्वास्थ्य कार्यकताओं की आवष्यकता है। स्वास्थ्य सुचकांकों में सुधार के लिये ग्रामिण क्षेत्रों मे स्वास्थ्य कायकर्ताओं की कमी को तुरन्त पुरा किये जाने की आवष्यकता है। उरमूल व सेव द चिल्ड्रन द्वारा आयोजित मीडिया कार्यषाला को संबोधित करते हुये राज्य स्वास्थ्य एवं पोषण अधिकारी डॉ मनीषा चावला ने मीडिया कर्मीयों को सबोधित करने हुये बताया कि भारत में स्वास्थ्य के क्षंेत्र में सबसे पिछडे़ 90 जिलों में से एक चौथाई जिले राजस्थान के है। भारत में बाल मृत्यु दर 57 प्रति हजार जीवित जन्म हैं, राजस्थान में यह लगभग 65 हैं लेकिन जैसलमेर में यह 76 है जोकि चिंता का विषय है। बाल मृत्यु दर के मुख्य कारण निमोनिया, दस्त रोग आदि है और समय रहते इलाज कराने से इन्हें आसानी से बचाया जा सकता है। सरकार द्वारा जारी जननी षिषु सुरक्षा योजना कि प्रषंसा करते हुये उन्होने कहा की इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन से राज्य में मातृ एवं मृत्यु दर में कमी आयेगी। उरमूल के सचिव अरविंद ओझा ने उरमूल के द्वारा सेव द चिल्ड्रन के सहयोग से चलाई जा रही बाल स्वास्थ्य हेतु सामुदायिक सषक्तिकरण परियोजना के बारे में बताते हुये कहा कि समुदाय में व्याप्त रीति रिवाज और कुरीतियां राज्य के विकास में बाधा पहुचाती हैं। बाल विवाह, महिला साक्षरता दर में कमी, महिलाओं की निर्णयों में भागीदारी न होना, विकट भोगोलिक परिस्थितीयां, यातायात के कम साधन व गरीबी विकास के क्षेत्र में मुख्य बाधाऐं है। उन्होंने परियोजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओ की क्षमतासंवंर्धन संबंधी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये कहा कि जनप्रतिनिधीयों,एएनएम, आंगनबाडी कार्यकर्ता व आषा के सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया गया। समुदाय की भागीदारी से ग्रामिण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को गहन प्रषिक्षणों के माध्यम से सषक्त बनाया गया इससे ग्राम स्वास्थ्य योजना और गांवाई स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिली है और स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग में बढ़ोतरी हुई है। जिला परियोजना अधिकारी श्रीअषोक शर्मा ने बताया की परियोजना के माध्यम बच्चों में कुपोषण की रोकथाम करने में मदद मिली है,साथ ही आंगनबाडी केन्द्रों को भी बनाया गया है, मोबाईल टीकाकरण गतिविधीयों को संचालन किया गया है। सेव द चिल्ड्रन के कैम्पेन कॉर्डिनेटर हेमंत आचार्य ने स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी को जन-जन तक पहुचानें में मीडिया की भागीदारी का उल्लेख करते हुये कहा कि ग्रामिण क्षेत्रों में मीडिया की अब व्यापक पहुच और पहचान बनी है। स्थानीय मुददों और समस्याओं को समाचारों में स्थान मिला है। मिडिया सामाजिक सरोकारो से जुड अब जनमानस के विष्वास का प्रतीक और जनजन की आवाज बन कर सामने आया है। समस्याओं के निराकरण व सरकार तक जनता की आवाज को पहुचानें का यह प्रमुख माध्यम बना है, उन्होने मीडिया कर्मीयों से आवहान किया कि वे स्वास्थ्य संबंधी सुचनाओं को समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाषिक करें ताकि समुदाय तक योजनाओं की पहुच बनें और स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग में बढ़ोतरी हो । इस अवसर पर उरमूल के पंकज केवलिया, जयराम, बुटाराम,आदि उपस्थित थे। मीडिया कर्मीयों ने परियोजना के पहुच और समय सीमा बढ़ाने पर जोर दिया कहा कि रेगिस्तानी क्षेत्रों में गांवों का विस्तार अधिक होने की वजह से इस प्रकार की परियोजनाओं की अधिक आवष्यकता है , जो लक्षित समुहो के साथ गहराई से काम करंे। पंकज केवलिया ने सभी मीडिया कर्मीयों का आभार व्यक्त किया।
पंचायतराज प्रतिनिधीयों का प्रषिक्षण सम्पन्न
महिला जनप्रतिनिधी कुरीतियों को दूर करनें में आगे आयेंः- राम प्रसाद हर्ष
जैसलमेर 18 सितम्बर: जनप्रतिनिधीयों को अब अधिक जागरूक बनना होगा और उन्हें सरकार द्वारा चलाई जारही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। महिला जन प्रतिनिधीयों को समाज में व्याप्त कुरीतियों और रूढ़ियों से महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिये आगे आना होगा । सीडिपीओ कोलायत एवं पंचायतराज प्रषिक्षणों के दक्ष प्रषिक्षक राम प्रसाद हर्ष ने जैसलमेर पंचायत समिति सभागार में आयोजित पंचायत राज प्रतिनिधीयों के दो दिवसीय कार्यक्रम जनप्रतिनीधीयों को संबोधित करते हुये कहा कि पंचायतों को अपने अधिकारों के प्रति सजग होना होगा और संविधान में जो अधिकार पंचायतों को दिये हैं उसका उपयोग करते हुये हमें अपने गांव के विकास के लिये कार्य करना चाहियें क्योंकि एक जनप्रतिनिधी होने के नाते समुदाय की हमसे जो अपेक्षा है हमें उस पर खरा उतरना है। हर जनप्रतिनिधी की जिम्मेदारी है कि वह अपने गांव में निगरानी तत्रं विकसित करे ताकि गांव में एक भी बच्चा कुपोषित न हो साथ ही जापे के दौरान किसी महिला की मृत्यु न हो। उन्होने जनप्रतिनिधीयों से आहावान किया कि अपने क्षैत्र में होने वाली चार बैठकों दिनांक 5,12,20,27 मंे अवष्य भाग ले और सभी गतिविधीयों की समीक्षा करें और तदनुसार निर्णय ले।
सेव द चिल्ड्रन के कार्यक्रम अधिकारी नीरज जुनेजा ने अजमेर जिलें में किये गये नवाचारों से जनप्रतिनिधीयों को अवगत कराते हुये बताया कि जनप्रतिनिधीयों टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिये यह शर्त लागू की है कि नये राषन कार्ड बनवाते समय या नये सदस्य का नाम जुडवाते समय टीकाकरण कार्ड की जांच की जायेगी कि सभी बच्चों का सम्पुर्ण टीकाकरण हुआ है कि नहीं ? जनप्रतिनिधी ग्राम समस्याओं पर ग्राम सभा में निर्णय ले प्रस्ताव पारित करें और उन्हें उच्च स्तर तक पहुंचाये।
जेठवाई वार्ड पंच षेराराम भील ने बताया कि उपस्वास्थ्य केन्द्र में सामान के लिये सीएमएचओ से मिल कर व्यवस्थाओं को सुचारू तरीके से चलाने में सहयोग मिला है साथ ही एएनएम द्वारा पहुचाई जारही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।
उपसंरपंच रूपसी रघुनाथराम व ग्राम सेवक उषा ने कहा कि अजमेर की तर्ज पर हम भी अपने गांव में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिये नये राषन कार्ड और जोब कार्ड बनावते समय टीकाकरण की अनिवार्यता को सुनिष्चीत करेगें।
इस अवसर पर दीलिप गर्ग संरपंच बरमसर, पुनम सिंह संरपंच सोनू, सरपंच कोजाराम अमरसागर आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
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